इंफाल: कांग्रेस की मणिपुर इकाई ने बीजेपी पर उग्रवादियों के समर्थन वाले उम्मीदवार को यहां एक लोकसभा सीट से खड़ा करने और किसी भी कीमत पर आगामी चुनाव जीतने की कोशिश में राष्ट्रीय अखंडता से समझौता करने का आरोप लगाया. हालांकि बीजेपी ने इस आरोप को खारिज करते हुए इसे पार्टी की छवि बिगाड़ने का प्रयास बताया. 


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बीजेपी के बाहरी मणिपुर संसदीय सीट से उम्मीदवार एच सुखोपाओ माते पर राज्य में उग्रवादी समूहों जोमी री यूनिफिकेशन ऑर्गेनाइजेशन (जेडआरओ) और कूकी नेशनल ऑर्गेनाइजेशन (केएनओ) का समर्थन होने का आरोप लगाया जा रहा है. 


इस सीट पर मतदान 11 अप्रैल को होने है. ऐसी खबरें हैं कि दोनों संगठनों ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को अलग-अलग पत्र लिखकर उनसे माते को पार्टी का टिकट दिए जाने के लिए कहा. माते बीजेपी की मणिपुर इकाई के उपाध्यक्ष और पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रभारी हैं.


कांग्रेस मणिपुर के प्रवक्ता एम पृथ्वीराज ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘‘ना केवल कांग्रेस बल्कि राज्य में हर कोई यह बात जानता है कि उग्रवादी समूहों ने माते का समर्थन किया है. उन्हें भाजपा ने महज जीतने की क्षमता और किसी भी कीमत पर जीत हासिल करने के आधार पर चुना है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने उग्रवादी समूहों के दबाव में राष्ट्रीय अखंडता के सिद्धांत से समझौता किया. हालांकि भाजपा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये खबरें जानबूझकर पार्टी की छवि को खराब करने कुछ निहित स्वार्थों की कोशिश है. 


कांग्रेस ने अभी मणिपुर में दो लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है जबकि भाजपा ने दोनों सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए. आंतरिक मणिपुर संसदीय सीट के लिए भाजपा ने आरके रंजन को उम्मीदवार बनाया है.