पप्पू यादव को है कांग्रेस से उम्मीद, पार्टी का विलय करने को भी हैं तैयार
पप्पू यादव ने कहा है कि वह कांग्रेस में शामिल होने को तैयार है, लेकिन फैसला कांग्रेस पार्टी को ही लेना है.
नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव को लेकर पप्पू यादव की नाव अधड़ में अटकी पड़ी है. उन्हें कांग्रेस पार्टी से काफी उम्मीद है. इसके लिए वह कुछ भी करने को तैयार है. पप्पू यादव लगातार महागठबंधन में जगह तलाश रहे हैं. इसके लिए उनकी उम्मीद केवल कांग्रेस पार्टी से ही है. पार्टी के विलय के सवाल पर भी उनका कहना है कि वह कांग्रेस के किसी भी आदेश का पालन करने को तैयार है.
मधेपुरा से सांसद और जनअधिकार पार्टी (जेएपी) के संरक्षक पप्पू यादव ने रविवार को कहा कि वह कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं और इस बारे में अब कांग्रेस नेतृत्व को फैसला करना है.
राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा, 'अगर कांग्रेस नेतृत्व चाहेगा, तब हम निश्चित रूप से कांग्रेस में शामिल होने के लिये तैयार हैं. देश और मानवता को बचाना महत्वपूर्ण है और सभी समान विचारधारा वाले लोगों एवं दलों को एकजुट होना चाहिए. अब कांग्रेस नेतृत्व को तय करना है.' यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपने दल जनअधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय करेंगे, यादव ने कहा कि विचारों के सामने व्यक्ति का महत्व नहीं होता है. कांग्रेस विचारों पर आधारित पार्टी है. ऐसे में जब देश संकट के समय से गुजर रहा हो तब देशहित में कांग्रेस नेतृत्व से जो भी आदेश आयेगा, वह उसका पालन करेंगे.
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि देश में आज किसान और युवा संकट से दौर से गुजर रहे हैं, आर्थिक स्थिति कमजोर है. ऐसे में देश में बदलाव की जरूरत है.
यह पूछे जाने पर कि मधेपुरा से महागठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर शरद यादव का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है, ऐसे में उनकी रणनीति क्या होगी, पप्पू यादव ने कहा, 'गठबंधन के हित में जो भी जरूरी होगा, वह करेंगे.'
उन्होंने कहा कि उन्हें किसी से व्यक्तिगत बैर नहीं है, राजनीति में किसी से कोई व्यक्तिगत रंजिश नहीं होती है.
यह पूछे जाने पर कि चुनावी समझौते के सिलसिले में राजद से क्या कोई बात हुई है, यादव ने कहा कि राजद से कोई बात नहीं हुई है लेकिन वे राजद के मतदाताओं को अपने परिवार का सदस्य मानते हैं, लालू प्रसाद को अपना बड़ा भाई मानते हैं. विचारधारा भले ही अलग अलग हों.
गौरतलब है कि पप्पू यादव ने 2014 का लोकसभा चुनाव राजद के टिकट पर लड़ा था. हालांकि नेतृत्व से मतभेद के कारण उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. यादव की पत्नी रंजीत रंजन सुपौल सीट से कांग्रेस पार्टी की सांसद हैं.