जयपुर: कांग्रेस प्रदेश में स्थानीय गठबंधन को प्रमुखता दे रही है. ब्राह्मण और राजपूत नेताओं से गठजोड़ के बाद अब मेघवाल समाज के वोटों को कांग्रेस अपने खेमे में करना चाहती है. इसको लेकर राष्ट्रीय सर्व मेघवंश महासभा, मेघ देशम पार्टी और राजस्थान मेघवाल समाज के पदाधिकारियों को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता दिलवाई गई. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने महासभा के नेता गोपाल डेनवाल की मौजूदगी में सभी को कांग्रेस सदस्य बनाया. 


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गठबंधन से उम्मीद
लोकसभा चुनावों में नेताओं और पार्टियों का विलय, गठबंधन और समर्थन का दौर जारी है. प्रदेश में नामांकन का आखिरी दिन गुरुवार 18 अप्रैल को है. अब तक दोनों ही पार्टियों ने विधानसभा चुनावा में रुख बदलने वाले साथियों में लोकसभा चुनाव जीतने की संभावनाएं देखी हैं. असरदार नेताओं के साथ हाशिए पर गए नेता भी कांग्रेस और भाजपा में नई संभावनाएं देख रहे हैं. 


प्रदेश सरकार से अधिक ताल्लुक रखने वाले समाज और पार्टियां कांग्रेस का दामन थाम रही हैं. गुरुवार को मेघ देशम पार्टी का कांग्रेस में विलय हुआ. कांग्रेस के लिए मेघवाल समाज के मतों पर बड़ा दांव माना जा रहा हैं. प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बेहद सादे तरीके से राष्ट्रीय सर्व मेघवंश महासभा के पदाधिकारियों को कांग्रेस की सदस्यता दिलवाई गई. प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे की मौजूदगी में सदस्यता के समय राजस्थान मेघवाल समाज के पदाधिकारी भी मौजूद रहे. 


मिशन 25 का लक्ष्य 
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे का कहना है कि लोकसभा चुनावों में नए सदस्य मिलकर काम करेंगे. कांग्रेस के मिशन 25 को हासिल करने में मेघवाल समाज की भी अहम भूमिका होगी. प्रदेश में आधा दर्जन लोकसभा सीटों पर बड़ी तादाद में मेघवाल मतदाता है. पार्टी में आए नए सदस्यों को जिलेवार जिम्मेदारी प्रदान की जा सकती है. सदस्यता कार्यक्रम में सभी जिलों के सदस्य पहुंचे थे, इनमें गोपाल डेनवाल, किशनलाल केपी, राहुल, आर के चौहान, देव किशन दहिया, एच के खत्री, मोहर सिंह फांसल, मनीष देवेंदा शामिल हैं. 



स्थानीय हितों पर विलय 
कांग्रेस लोकसभा चुनावों के पिछले परिणामों को बदलना चाह रही है. इसके लिए तमाम प्रयास जारी हैं. कांग्रेस के वॉर रूम में बन रही राजनीति चुनावों की तारीख पास आने के साथ ही जीत के समीकरणों को अपने पक्ष में करने की तैयारी में है. आने वाले दिनों में स्थानीय स्तर पर अपना असर रखने वाले कुछ और नेता कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं.