`भारत माता की जय` में कोई दिक्कत नहीं, `वंदे मातरम` नहीं गा सकता: RJD नेता सिद्दीकी
सिद्दीकी ने कहा, ‘‘जो एकेश्वर में विश्वास रखता है वह कभी भी ‘वंदे मातरम’ नहीं गाएगा.’’ हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाने में कोई समस्या नहीं है.
पटना: राजद के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने रविवार को यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि उन्हें ‘भारत माता की जय’ बोलने में कोई परेशानी नहीं है लेकिन राष्ट्रगीत वंदे मातरम गाना उनकी आस्था के खिलाफ है. सिद्दीकी ने कहा, ‘‘जो एकेश्वर में विश्वास रखता है वह कभी भी ‘वंदे मातरम’ नहीं गाएगा.’’ हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाने में कोई समस्या नहीं है.
दरभंगा से लड़ रहे चुनाव
दरभंगा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे सिद्दीकी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की सार्वजनिक रूप से निंदा करने की चुनौती भी दी. उन्होंने गोडसे को देश का ‘‘पहला आतंकवादी’’ करार दिया. राजद नेता ने गोडसे के आरएसएस के साथ कथित संबंधों के संदर्भ में कहा, ‘‘महात्मा गांधी का हत्यारा नाथूराम गोडसे देश का पहला आतंकवादी था. क्या मोदी सार्वजनिक रूप से गोडसे की निंदा करेंगे?’’
राजद में घमासान
इस बीच राजद में मचे घमासान के बीच पार्टी ने लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के बगावती तेवर और 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' का मुद्दा उठाते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का मन बनाया है. पार्टी नेताओं ने यह बात रविवार को कही. पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप ने पिछले महीने पार्टी में अपनी उपेक्षा की बात कहते हुए लालू-राबड़ी मोर्चा (लारामो) बनाया था और शिवहर लोकसभा सीट से आरजेडी उम्मीदवार सैयद फैसल अली के खिलाफ लारामो की ओर से अंगेश कुमार सिंह को मैदान में उतार दिया है.
वरिष्ठ आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि लालू प्रसाद ने इसका संज्ञान लिया है और पार्टी की अनुशासन समिति इस मसले पर कदम उठाएगी. लालू प्रसाद के परिवार से निकट संबंध रखने वाले एक अन्य आरजेडी नेता ने कहा कि तेज प्रताप ने अपने परिवार और पार्टी की नींद खराब कर दी है. इसलिए पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण उन पर कार्रवाई करने का दबाव पार्टी के अंदर बन रहा है.
आरजेडी सूत्रों के मुताबिक, वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी पिछले हफ्ते पार्टी छोड़ चुके हैं. तेज प्रताप के खिलाफ कार्रवाई की मांग सबसे पहले उन्होंने ही उठाई थी. एक अन्य आरजेडी नेता ने कहा, "लोकसभा चुनाव में तेज प्रताप द्वारा पार्टी को नुकसान पहुंचाए जाने की आशंका के मद्देनजर आरजेडी उनके खिलाफ कार्रवाई का दबाव बढ़ा सकता है. यह राजनीतिक अनिवार्यता भी है."
इस समय आलम यह है कि तेज प्रताप आरजेडी उम्मीदवार के खिलाफ खुलेआम प्रचार कर रहे हैं और उसे भाजपा का एजेंट बता रहे हैं. अपने मोर्चे के बारे में उनका कहना है कि जिस तरह भाजपा आरएसएस का हिस्सा है, उसी तरह 'लारामो' आरजेडी का हिस्सा है. महागठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच हुए सीट बंटवारे के अनुसार, बिहार की 40 में से 19 पर आरजेडी, 9 पर कांग्रेस और बाकी सीटों पर छोटी पार्टियां चुनाव लड़ रही हैं.
(इनपुट: IANS से भी)