हिसार: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के मद्देनजर अब ऐसा दौर चल रहा है, जब नेता वर्ग प्रचार और नॉमिनेशन किये जाने के दौर से गुजर रहे है, तो चुनाव आयोग और प्रशासन चुनाव को शांति पूर्ण करवाने के लिए प्रबंध करने में जुटा है. लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक मैसेज ने चुनाव आयोग के लिए भी सिरदर्द बढ़ा दिया है. खुद चुनाव आयोग के अधिकारी ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज पर जवाब दिया है.


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दरअसल, पूरा मामला फॉर्म नम्बर 7 से जुड़ा है. लोकसभा के आम चुनाव के इस माहौल में इन दिनों फेसबुक, व्हाट्सएप इत्यादि पर एक मैसेज वायरल किया जा रहा है. हरियाणा के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. इन्द्र जीत के अनुसार सोशल मीडिया पर जनता को गुमराह करने के लिए कुछ झूठे संदेश फैलाए जा रहे हैं. वायरल संदेश में लिखा गया है कि ‘जिनके वोटर कार्ड नहीं बने हैं या जिनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं हैं उन्हें अब चिन्ता करने की जरूरत नहीं, वोटिंग के दिन आप अपनी दो फोटो व फोटो लगा आईडी प्रूफ लेकर पोलिंग बूथ पर जाये तथा फॉर्म नम्बर 7 भरें जो कि बूथ पर उपलब्ध होगा तथा वोट डाले’. 


यह मैसेज पूरी तरह से झूठा और गुमराह करने वाला है. हरियाणा, पंजाब सहित कई राज्यों में चुनाव का वक्त बिल्कुल नज़दीक है. ऐसे में इस तरह के सन्देश के बाद दिक्कते ज्यादा न हो जाये और लोगों को समय रहते सच्चाई से रूबरू करवाया जा सके. ऐसे में खुद चुनाव आयोग ने मामले पर संज्ञान लेते हुए स्पष्ठ कर दिया कि फैलाया जा रहा मैसेज गलत है. 


फार्म 7 की ये है सच्चाई
हरियाणा के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. इन्द्र जीत ने बताया कि फॉर्म 7 वोट कटवाने के लिए प्रयोग किया जाता है ना कि वोट बनवाने के लिए. फॉर्म नम्बर 7 की प्रक्रिया 10 मार्च 2019 से बंद कर दी गई है. ऐसे में वोटर इस प्रकार के झूठे व गुमराह करने वाले संदेशों पर विश्वास ना करे. इसके अलावा वोटर को कोई और भी शंका है तो वो नागरिक वोटर हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर- 1950 पर भी संपर्क साध कर जानकारी जुटा सकते है.


एपिक नहीं, तो 11 आईडी के दम पर डालिये वोट
मतदाता सूची में आपका नाम है और आपके पास एपिक नहीं है, तो घबराइए नहीं. आप वोट डालने के लिए अपनी पहचान बताने के लिए एपिक के अलावा 11 वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों में से किसी एक का प्रयोग कर सकते है. इन दस्तावेजों में पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, केंद्रीय, राज्य सरकार, सार्वजनिक उपक्रमों या सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोग्राफ के साथ सेवा पहचान पत्र, बैंक या डाकघर द्वारा जारी किए गए फोटोग्राफ के साथ पासबुक, पैन कार्ड, एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, फोटोग्राफ के साथ पेंशन दस्तावेज, सांसदों, विधायकों /एमएलसी को जारी किए गए आधिकारिक पहचान पत्र और आधार कार्ड शामिल हैं. इसके अलावा जिन मतदाताओं के पास पुराना एपिक है वह भी वोट डाल सकते हैं. लेकिन सबसे बड़ी शर्त यहीं है कि वोटर का नाम मतदाता लिस्ट में होना जरूरी है.