मुस्लिम वोट बंटने पर टिकी है BJP की उम्मीद, महागठबंधन के लिए कांग्रेस बनी मुसीबत
उत्तर प्रदेश की इस अनुसूचित जाति सीट पर बीजेपी के मौजूदा सांसद यशवंत सिंह को टिकट का एलान होते समय पार्टी के भीतर विरोध का सामना करना पड़ा था, लेकिन वे मुसलमान एवं दलित बहुल इस निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं का समर्थन पाने में कामयाब हुए हैं.
नगीना : बुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के महागठबंधन का साथ दें या कांग्रेस का दामन थामें. नगीना के मुस्लिम मतदाता इसी दुविधा में फंसे हैं. लेकिन साथ ही वे बीजेपी विरोधी वोट को एकजुट करने की गुत्थी सुलझाने के लिए कटिबद्ध भी हैं.
उत्तर प्रदेश की इस अनुसूचित जाति सीट पर बीजेपी के मौजूदा सांसद यशवंत सिंह को टिकट का एलान होते समय पार्टी के भीतर विरोध का सामना करना पड़ा था, लेकिन वे मुसलमान एवं दलित बहुल इस निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं का समर्थन पाने में कामयाब हुए हैं. बहरहाल, उन्हें जीत हासिल करने के लिए मुसलमानों और दलितों के वोट में विभाजन कराना होगा.
महागठबंधन से बसपा के उम्मीदवार गिरिश चंद्र के पक्ष में संख्या पूरी तरह से है, लेकिन सियासत सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं है और कांग्रेस उनकी जीत की राह में रोड़ा बनी हुई है. कांग्रेस ने यहां से कई बार विधायक रहीं पूर्व सांसद एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मंत्री ओमवती देवी को मैदान में उतारा है, ताकि मुसलमानों एवं दलितों को आकर्षित किया जा सके.
उत्तर प्रदेश (पश्चिम) के लिए कांग्रेस के प्रभारी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए लोगों से देवी को वोट देने की अपील की.
सिंधिया ने देवी के लिए प्रचार करते हुए लोगों के साथ भावनात्मक रिश्ता कायम करने की कोशिश करते हुए नगीना से जुड़े अपने परिवार के इतिहास का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि नगीना के साथ उनका राजनीतिक नहीं लेकिन पारिवारिक रिश्ता है.
हालांकि बीजेपी की ओर से भी जोर-शोर से प्रचार जारी है, सिंह को बखुबी पता है कि संख्या उनके खिलाफ है और सिर्फ मतों के बंटवारे होने पर ही यहां जीत हासिल की जा सकती है.
वहीं बसपा के उम्मीदवार चंद्र ने विश्वास जताया कि महागठबंधन के वोट मजबूती के साथ उनकी पार्टी के साथ है. उन्होंने कहा, वोट विभाजित नहीं होंगे, लोग गठबंधन के साथ हैं.
दूसरी ओर, मुस्लिम समुदाय के एक प्रभावशाली सदस्य ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर कहा, 'मुस्लमान गठबंधन के साथ हैं. लेकिन कुछ कांग्रेस की ओर भी आकर्षित हो रहे हैं. अंतिम निर्णय उस उम्मीदवार के पक्ष में होगा जो मजबूत दिखेगा. मुस्लिम उनके सामने ही यह पहेली हल करेंगे.' उन्होंने कहा कि दुविधा फिर भी बनी हुई है, क्योंकि कांग्रेस कम से कम एक विकल्प है, जबकि पहले ऐसा नहीं था. नगीना में 18 अप्रैल को दूसरे चरण में मतदान होगा. नतीजों की घोषणा 23 मई को की जाएगी.