Quiz: बीच में से चिरी हुई क्यों होती है बिजली के प्लग की पिन?
Educational Quiz: जनरल नॉलेज की बात जब आती है तो यह किसी भी फील्ड के बारे में हो सकती है. तो आज हम यहां आपके लिए कुछ नया लेकर आए हैं.
Quiz Questions and Answers: आपको अलग अलग फील्ड की जनरल नॉलेज हो इससे अच्छा और क्या हो सकता है. आज हम इलेक्ट्रिसिटी के बारे में आपकी जनरल नॉलेज बढ़ाने के लिए कुछ सवाल और उनके जवाब लेकर आए हैं. आज हम बिजली के प्लग से जुड़े सवाल पूछने वाले हैं जिन्हें आप इस्तेमाल तो रोजाना करते हैं पर किस प्लग का क्या काम होता है यह नहीं जानते होंगे. तो हम आपको बता देते हैं.
थ्री पिन प्लग क्या होता है?
थ्री-पिन प्लग का इस्तेमाल मुख्य रूप से सिक्योरिटी रीजन से होता है. दरअसल, तीन पिन वाले प्लग में ऊपर की लंबी और गोल पिन को अर्थ पिन कहते हैं.
2 पिन और 3 पिन प्लग में क्या अंतर है?
2-पिन कनेक्टर की तुलना में, 3-पिन प्लग सर्किट से गुजरने वाली बिजली की मात्रा को सीमित करते हैं. परिणामस्वरूप, 3-पिन प्लग 2-पिन प्लग की तुलना में ज्यादा सुरक्षित होते हैं.
सबसे सुरक्षित बिजली के प्लग किस देश में हैं?
टाइप जी वॉल सॉकेट में लगभग हमेशा अतिरिक्त सुरक्षा के लिए स्विच शामिल होते हैं. इसमें कोई संदेह नहीं है कि ब्रिटिश प्लग दुनिया में सबसे सुरक्षित हैं, लेकिन सबसे भारी और बोझिल भी हैं.
एक प्लग में कितने तार होते हैं?
प्लग में तीन तार होते हैं - लाइव, न्यूट्रल और अर्थ का तार.
करंट का तार कौन सा होता है?
अगर दोनों तार काले हैं पर एक में सफेद धारी है, तो धारी दार नेगेटिव है, जबकि सादा काला तार पॉजिटिव होता है.
भारत में पावर प्लग कैसे होते हैं?
भारत में पावर प्लग सॉकेट C, D और M प्रकार के होते हैं। मानक वोल्टेज 230 V है और आवृत्ति 50 Hz है।
बीच में से चिरी हुई क्यों होती है बिजली के प्लग की पिन?
पिन वाले प्लग से लिमिट से ज्यादा बिजली जाए हो तो यह गर्म हो जाता है. गर्म होने के कारण पिन का आकार बदल सकता है. चीरा लगा होने के कारण गुजरने वाली बिजली दो हिस्सों में बंट जाती है. लिमिट बढ़ने पर न तो पिन का आकार बदलता है और न ही ये सॉकेट से चिपकती हैं.