[caption id="attachment_2817" align="alignnone" width="300" caption="नमक का मुख्य स्त्रोत समंदर है"][/caption]
अगली बार खाने में अगर आप अतिरिक्त नमक ले रहें हैं तो दोबारा सोचिए... लोगों में एक आम धारणा है कि उच्च रक्तचाप के मरीज़ों को ज़्यादा नमक नहीं खाना चाहिए, जो सही भी है.
नमक के प्रभाव का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि अब लोगों के स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए नमक की मात्रा घटाना आवश्यक है. ब्रिटेन की मेडिकल पत्रिका में इन शोधकर्ताओं ने उल्लेख किया है कि अगले 10 सालों में अगर खाने में नमक की मात्रा 15 फीसदी कम की जाती है तो इससे  करीब आठ करोड़ पचाल लाख लोगों की जान बच पाएगी.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि विकासशील देशों में 70 प्रतिशत लोगों की मौत का कारण दिल का दौरा और उससे जुड़ी बीमारियों से होता है. इसलिए पूरी दुनिया में अगर लोग नमक के इस्तेमाल में कमी लाए तो सभी की सेहत पर इसका प्रभाव अच्छा पड़ेगा.
लेकिन नमक उद्योग से जुड़े संगठन इस रिपोर्ट को ख़ारिज करते हुए ये दलील देते है कि नमक के इस्तेमाल में कटौती करना शहरी लोगों की धारणा है.
बात बहुत से लोग जानते है कि हाई ब्लडप्रेसर के मरीज़ों को ज़्यादा नमक नहीं खाना चाहिए.
साथ ही खाने में अगर ज़्यादा नमक का इस्तेमाल किया जाता है तो दिल की बीमारी होने का ख़तरा भी बढ़ जाता है. मनुष्य के शरीर पर नमक के प्रभाव को लेकर एक लंबी बहस चलती आ रही है.