कीमत बढ़ने से घबराने की जरूरत नहीं, कार्रवाई करें राज्य : जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि हर साल जुलाई-दिसंबर के दौरान जमाखोरी के कारण कुछ खाद्य पदार्थों की कीमत बढ़ती है। बढ़ती महंगाई के लिए जमाखोर जिम्मेवार हैं।
नई दिल्ली: खाद्य मुद्रास्फीति के लिए जमाखोरों को जिम्मेदार ठहराते हुए वित्त मंत्री अरण जेटली ने कहा कि स्थिति से घबराने की कोई जरूरत नहीं है। साथ ही उन्होंने राज्यों से कहा कि वे कीमतों पर पर अंकुश लगाने के लिए जमाखोरी और कालाबाजारी के खिलाफ कदम उठाएं। जेटली ने यहां खाद्य मुद्रास्फीति पर आयोजित एक सम्मेलन के मौके पर कहा ‘खाद्य वस्तुओं का उत्पादन जब पिछले साल से अधिक है, तब भी कीमतें बढ रही हैं तो इसका मतलब है कि बिचौलिए माल कहीं और दबाए हुए हैं। ’ उन्होंने कहा कि अच्छे सरकारी काम-काज का परख इसमें है कि बिचौलियों की जमाखोरी के मामल को कैसे बाहर निकाला जाए ताकि कीमतों पर अंकुश लग सके। जेटली ने कहा ‘यह सबसे बड़ी चुनौती है।’
जेटली ने कहा कि हर साल जमाखोरी के कारण जुलाई से दिसंबर के दौरान कुछ खाद्य उत्पादों की कीमत बढ़ती है। उन्होंने कहा ‘इस साल सामान्य से कम बारिश होने की खबर है। जमाखोर इसका फायदा उठा रहे हैं।’ उन्होंने कहा पिछले साल कुछ चीजों की कीमत 70-100 रुपए प्रति किलो हो गई थीं। इस साल उनकी कीमतें अब भी उससे कम है। घबराने जैसी कोई बात नहीं है।’ मंत्री ने राज्य सरकारों से कहा कि वे समस्या का आकलन करें क्योंकि मंहगाई बढ़ने के बाद की गई कार्रवाई से बाजार में अफरा-तफरी आती है। जेटली ने कहा कि इराक में तनाव बढ़ने से कच्चे तेल की कीमत बढ़ी है हालांकि कीमत घटने के संकेत मिल रहे हैं।
वह खाद्य मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के संबंध में विचार-विमर्श के लिए आज राधानी में आयोजित राज्यों के खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में खाद्य मंत्री राम विलास पासवान और कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह शामिल थे। जेटली ने यह भी कहा कि प्याज, आलू, चावल, दाल और दूध की कीमत अलग-अलग वजहों से बढ़ रही है। सब्जी, फल और अनाज जैसी आवश्यक चीजों की कीमत बढ़ने के कारण मई में मुद्रास्फीति बढ़कर पांच महीने के उच्चतम स्तर 6.01 प्रतिशत पर आ गई।
आगामी त्योहारी मौसम में मूल्य पर लगाम लगाने के लिए जेटली ने राज्यों से अपील की कि वे आपूर्ति बढ़ाने के लिए आपूर्ति-मांग की स्थिति का आकलन करें और पहले से प्रभावी कदम उठाएं। उन्होंने राज्य सरकारों से यह भी कहा कि वे अच्छे काम-काज की मिसाल कायम करें क्योंकि रिकार्ड उत्पादन और आपूर्ति पर्याप्त होने मद्देनजर कीमत बढ़ने की कोई वजह नहीं है।
कीमत पर नियंत्रण के लिए समन्वित प्रयास की जरूरत पर जोर देते हुए जेटली ने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों को इस संबंध में संयुक्त पहल की योजना की तैयारी करनी चाहिए। वित्त मंत्री ने पिछले कुछ सप्ताह में केंद्र द्वारा की गई पहलों का जिक्र किया जिनमें गरीबों के लिए 50 लाख टन अतिरिक्त चावल का आवंटन और प्याज एवं आलून पर न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाना शामिल है।