बालेश्वर (ओडिशा) : भारत ने आज 290 किलोमीटर दायरे में मार करने में सक्षम ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एक उन्नत संस्करण का ओडिशा तट से सफल परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कहा कि चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण क्षेत्र से सुबह करीब 10:40 बजे मोबाइल लांचर के जरिए मिसाइल को दागा गया। मिसाइल अपने साथ 300 किलोग्राम पारंपरिक आयुध ले जाने में सक्षम है।


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डीआरडीओ के जनसंपर्क निदेशालय के निदेशक और वरिष्ठ रक्षा वैज्ञानिक रवि कुमार गुप्ता ने कहा, ‘यह ब्रह्मोस का विकासात्मक परीक्षण था।’ इस दो चरण वाली मिसाइल को पहले ही सेना और नौसेना में शामिल किया जा चुका है तथा वायुसेना का संस्करण परीक्षण के आखिरी दौर में है। साल 2005 में भारतीय नौसेना में ब्रह्मोस प्रणाली के पहले संस्करण को शामिल किए जाने के बाद अब यह सेना की दो रेजीमेंट में भी पूरी तरह से परिचालित है। यह मिसाइल आईएनएस राजपूत पर तैनात की गई थी।


‘ब्रह्मोस एयरोस्पेस’ भारत और रूस का संयुक्त उपक्रम है। यह कंपनी मिसाइल प्रणाली के वायु तथा पनडुब्बी से छोड़े जा सकने वाले संस्करणों को विकसित करने में लगी है। सेना अब तक अपने तीन रेजीमेंट में ब्रह्मोस को शामिल करने का ऑर्डर दे चुकी है। दो रेजीमेंट में पहले ही यह परिचालित हो रही है। रक्षा मंत्रालय ने सेना को अपनी तीसरी रेजीमेंट में भी इस मिसाइल को शामिल करने की इजाजत दे दी है। यह अरूणाचल प्रदेश में तैनात होगी।