नई दिल्ली : संसद और राज्य विधानसभाओं में महिला आरक्षण की पुरजोर वकालत करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी इस विषय से संबंधित विधेयक को जल्द से जल्द पारित कराने के लिए राजग सरकार पर ‘पूरा दबाव’ बनाएगी।


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महिला कांग्रेस के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर पिछली संप्रग सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों की नकल करने का आरोप लगाया और इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि इतना कुछ करने के बावजूद कांग्रेस की अगुवाई वाला गठबंधन लोकसभा चुनाव हार गया क्योंकि जनता को झूठे वादे करके गुमराह कर दिया गया।


चुनावी हार के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं के पहले इतने बड़े आयोजन में सोनिया गांधी ने कहा कि हमने इतना कुछ किया लेकिन उसके बाद भी जनता भ्रमित हो गयी क्योंकि कुछ लोगों ने जाल बिछाया हुआ था। हमारा काम, हमारी उपलब्धियां एक तरफ धरी रह गयीं और झूठे सपने दिखाने वाले आगे निकल गए। राजीव गांधी की 70वीं जयंती के मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण कांग्रेस नेता की उन दो प्राथमिकताओं में से एक है जिसे उन्होंने पार्टी का महासचिव बनने के बाद से ही आगे बढ़ाया था। सोनिया ने कहा कि उनका मानना था कि अपनी आधी आबादी को अनेदखा कर कोई राष्ट्र आगे नहीं बढ़ सकता।


पंचायतों में महिलाओं के लिए आरक्षण तथा महिलाओं के लिए एक राष्ट्रीय आयोग गठित करने समेत महिला सशक्तिकरण के लिए राजीव गांधी द्वारा उठाए गए कदमों की व्याख्या करते हुए कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चाहते थे कि महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। हालांकि उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि राजीव गांधी के बाद किसी ने इस मुद्दे को आगे नहीं बढ़ाया। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह विधेयक कुछ राजनीतिक दलों के कारण लोकसभा में पारित नहीं हो सका। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग सरकार ने 2004 में सत्ता में आने पर इस मुद्दे को लिया था और राज्यसभा में इसे पारित कराया।


उन्होंने कहा कि आज हम विपक्ष में हैं लेकिन कांग्रेस महिलाओं को आरक्षण की अपनी प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हटेगी और जल्द से जल्द इस विधेयक को पारित कराने के लिए राजग सरकार पर दबाव बनाएगी।