नई दिल्ली : चार महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में जबर्दस्त जनसमर्थन देने वाले उत्तरप्रदेश, राजस्थान, गुजरात राज्यों में हाल में हुए विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को बड़ा झटका लगा है जहां पार्टी को अपने कब्जे वाली 23 सीटों में से 13 पर हार का मुंह देखना पड़ा।


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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता की कसौटी के रूप में देखे जा रहे इस उपचुनाव के परिणाम भाजपा के लिए निराशाजनक रहे हैं जबकि पिछले दो महीने में बिहार, उत्तराखंड, कर्नाटक और मध्यप्रदेश में उपचुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा।


नौ राज्यों में 32 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए मंगलवार को मतगणना हुई और भाजपा ने इनमें से 12 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस 7 और सपा को 8 सीटें मिली। तेदेपा, तृणमूल कांग्रेस, एआईयूडीएफ और माकपा को 1-1 सीट मिली। सिक्किम की एक सीट निर्दलीय के खाते में गई। छत्तीसगढ़ के अंतागढ सीट पर मतगणना 20 सितंबर को होगी और यह सीट भाजपा के पास है।


कुछ माह पहले लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश में भाजपा एवं उसके सहयोगी दल ने 80 में से 73 सीटों पर जीत दर्ज की थी हालांकि आज सामने आए विधानसभा उपचुनाव के परिणाम से भाजपा को झटका लगा है और पार्टी को उसके कब्जे वाली 10 सीटों में से 7 पर हार का मुंह देखना पड़ा। इसमें एक सीट भाजपा की सहयोगी अपना दल के पास थी।


राज्य में विधानसभा उपचुनाव में बसपा की अनुपस्थिति के कारण राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस राज्य में सपा और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला था। ‘लवजिहाद’ के मुद्दे से भाजपा को चुनाव में कोई फायदा नहीं मिला। विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को राजस्थान में गहरा धक्का लगा है जहां पार्टी चार में तीन सीट पर कांग्रेस से पराजित हो गई। कांग्रेस गुजरात में नौ विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में तीन सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही जहां 12 वर्षों में पहली बार नरेन्द्र मोदी के बिना चुनाव हुए थे।


उत्तरप्रदेश की 11 सीटें, गुजरात की 9 सीटें और राजस्थान की 4 सीटें भाजपा के पास थीं और इन सीटों पर पार्टी विधायक के लोकसभा के लिए चुने जाने के कारण उपचुनाव की जरूरत पड़ी। उपचुनाव में भाजपा के निराशाजनक प्रदर्शन के बीच कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने इसे सम्प्रदायिक ताकतों की पराजय करार दिया है। इनका कहना है कि लोगों ने नरेन्द्र मोदी सरकार और भाजपा की ध्रुवीकरण की राजनीति को खारिज कर दिया है।


महाराष्ट्र और हरियाणा में आसन्न विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रही भाजपा ने कहा कि उपचुनाव परिणाम उम्मीदों के अनुरूप नहीं है और लोगों ने स्थानीय मुद्दों पर वोट दिया है। भाजपा के लिए संतोष की बात केवल यह रही कि उसने इस बार पश्चिम बंगाल विधानसभा में प्रवेश कर लिया। भाजपा उम्मीदवार शामिक भट्टाचार्य ने 24परगना जिले में बशीरहाट दक्षिण सीट पर तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार एवं पूर्व फुटबाल खिलाड़ी दीपेन्दु विश्वास को 1742 मतों से पराजित किया। यह सीट माकपा के पास थी।


लोकसभा उपचुनाव में बडोदरा सीट पर भाजपा उम्मीदवार रंजनबेन भट्ट ने कांग्रेस के नरेन्द्र रावत को 3,29,507 मतों के अंतर से पराजित किया। बडोदरा सीट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खाली की थी और उन्होंने वाराणसी सीट बरकरार रखी थी। भट्ट को 5,26,763 वोट मिले जबकि रावत को 1,97,256 मत प्राप्त हुए।


समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाने वाली मैनपुरी सीट पर पार्टी उम्मीदवार और मुलायम सिंह यादव के पोते तेज प्रताप सिंह ने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी प्रेम सिंह शाक्य को 3.21 लाख मतों के अंतर से पराजित किया। मैनपुरी सीट सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने खाली की थी और आजमगढ़ सीट अपने पास रखी थी। मुलायम ने यह सीट 3.64 लाख मतों के अंतर से जीती थी।


तेलंगाना में टीआरएस ने मेडक सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा और पार्टी प्रत्याशी के प्रभाकर रेड्डी ने 3,61,277 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। के प्रभाकर रेड्डी को 5,71,800 मत मिले जबकि कांग्रेस की वी सुनीता लक्ष्मा रेड्डी को 2,10,523 मत प्राप्त हुए। भाजपा के टी जयप्रकाश रेड्डी को 1,86,334 मत मिले।


यह सीट के चंद्रशेखर राव ने खाली की थी जो बाद में राज्य के मुख्यमंत्री बने। राव ने मई में हुए चुनाव में 3.97 लाख मतों से जीत दर्ज की थी।


उत्तरप्रदेश में 11 विधानसभा सीटों में समाजवादी पार्टी ने सात और भाजपा ने एक सीट पर जीत दर्ज की है। गुजराज में भाजपा ने छह और कांग्रेस ने तीन सीटें जीती हैं जबकि राजस्थान में कांग्रेस ने तीन और भाजपा ने एक सीट पर जीत दर्ज की है। आंध्रप्रदेश में तेदेपा ने नंदीगामा सीट पर कब्जा बरकरार रखा है।


पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा को 1-1 सीट मिली। भाजपा ने पूर्वी क्षेत्र में बढ़त बनायी और कांग्रेस से असम की सिलचर सीट छीन ली। असम में एआईयूडीएफ और कांग्रेस ने क्रमश: जमुनामुख और लखीपुर सीट पर कब्जा बरकरार रखा। माकपा ने त्रिपुरा की मनु (सु) सीट पर जीत दर्ज की जबकि सिक्किम में रांगांग यांगांग विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग के भाई और निर्दलीय उम्मीदवार आर एन चामलिंग ने अपने निकटमत प्रतिद्वन्द्वी एसडीएफ उम्मीदवार को 708 मतों से पराजित किया।


पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा को 1.1 सीट मिली। भाजपा ने पूर्वी क्षेत्र में बढ़त बनायी और कांग्रेस से असम की सिलचर सीट छीन ली। असम में एआईयूडीएफ और कांग्रेस ने क्रमश: जमुनामुख और लखीपुर सीट पर कब्जा बरकरार रखा। माकपा ने त्रिपुरा की मनु (सु) सीट पर जीत दर्ज की जबकि सिक्किम में रांगांग यांगांग विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग के भाई और निर्दलीय उम्मीदवार आर एन चामलिंग ने अपने निकटमत प्रतिद्वन्द्वी एसडीएफ उम्मीदवार को 708 मतों से पराजित किया।


पिछले महीने बिहार में विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को राजद-जदयू गठबंधन से 4-6 से पराजय का सामना करना पड़ा था जबकि कर्नाटक एवं मध्यप्रदेश में उसे अपने प्रभाव वाली दो सीटों पर कांग्रेस से हार का सामना करना पड़ा था। जुलाई में उत्तराखंड में विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को सभी तीन सीटों पर कांग्रेस के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था। बहरहाल, मंगलवार को घोषित उपचुनाव नतीजों में उत्तरप्रदेश में सपा ने बिजनौर, ठाकुरद्वारा, निघासन, हमीरपुर, चरखारी, सिरूथा, बलहा और रोहनिया सीटों पर जीत दर्ज की। जबकि भाजपा ने सहारनपुर (शहर), लखनऊ पूर्व और नोएडा सीट जीती।


चरखारी सीट पहले केंद्रीय मंत्री उमा भारती के पास और लखनऊ पूर्व सीट केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्रा के पास थी। गुजरात में भाजपा को देसा, मंगरोल और खम्बालिया सीटों पर कांग्रेस से पराजय का सामना करना पड। जबकि उसने मणिनगर, तंकारा, तेलजा, आणंद, खेड़ा और लिमखेडा विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की।


राजस्थान में भाजपा को नसीराबाद, वेयर और सूरजगढ़ सीट पर हार का सामना करना पड़ा जबकि कोटा सीट पर पार्टी ने कब्जा बनाये रखा। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने प्रतिष्ठित चौरंगी सीट पर जीत दर्ज की और तृणमूल उम्मीदवार नयन बंदोपाध्याय ने भाजपा के रितेश तिवारी को 14344 मतों से पराजित किया।