Higher FD Interest Rates: आरबीआई की तरफ से 2000 के नोट वापसी की घोषणा के बाद 23 मई से बैंकों ने नोटों को बदलना और बैंक अकाउंट में जमा करना शुरू कर द‍िया. यह प्रक्र‍िया लगातार चल रही है. कई र‍िपोर्ट में बताया गया क‍ि 2000 रुपये के नोट खातों में जमा होने से बैंकों की ल‍िक्‍व‍िड‍िटी बढ़ गई है. एसबीआई की तरफ से हाल‍िया जारी आंकड़े के अनुसार उसके पास 29 मई तक 2000 रुपये के 14 हजार करोड़ रुपये मूल्‍य के नोट पहुंच गए हैं. लेक‍िन क्‍या आपको पता है इस सबका नुकसान आपको भी उठाना होगा.


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खत्म हो सकता है बढ़ती ब्‍याज दर का दौर


जी हां, आपने शायद ही इस बारे में कभी व‍िचार क‍िया हो. लेक‍िन आपको बता दें 2000 रुपये के नोट चलन से हटने के कारण एफडी (FD) की बढ़ती ब्‍याज दरों का दौर जल्द खत्म हो सकता है. इससे आपको सेव‍िंग पर म‍िलने वाली ब्‍याज दर घटकर नीचे आ सकती है. इस समय एफडी की ब्याज दरें अपने शीर्ष पर हैं. यदि आप भी एफडी में न‍िवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो यह समय इसके ल‍िए एकदम सही है. आइए बात करते हैं ब्‍याज दर में ग‍िरावट आने का क्‍या कारण हो सकता है?


बैंक की ल‍िक्‍व‍िड‍िटी बढ़ने पर नीचे आएंगे रेट!
आप इसे ऐसे समझ सकते हैं क‍ि जब बैंकों के पास लोन की ज्‍यादा मांग होती है तो इसे पूरा करने और पैसा प्राप्‍त करने के ल‍िए बैंकों को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इस स्‍थ‍िति में बैंक पैसा प्राप्‍त करने के ल‍िए एफडी की ब्‍याज दर को ज्‍यादा आकर्षक बनाते हैं. निवेशक उच्च ब्याज दर से आकर्ष‍ित होकर पैसा बैंकों में जमा करते हैं. इससे बैंक की ल‍िक्‍व‍िड‍िटी बढ़ जाती है. बैंक की ल‍िक्‍व‍िड‍िटी का आंकलन करने के ल‍िए इंटरबैंक लोन देने में इस्‍तेमाल होने वाली 'ओवरनाइट कॉल मनी रेट' को देखना है.


12 मई को 7% के हाई लेवल को टच क‍िया
इस साल 'ओवरनाइट कॉल मनी रेट' 29 मार्च और 27 अप्रैल को अधिकतम 6.90% पर थी. इसने 6 मई को और 12 मई को 7% के हाई लेवल को भी टच क‍िया. लेकिन 19 मई को 2000 रुपये के नोट वापसी की घोषणा के बाद यह ग‍िरकर 6.45% रह गई. उसके बाद से ओवरनाइट कॉल मनी रेट 6.45% से 6.55% की ल‍िम‍िट में बनी हुई है. इससे यह इशारा साफ है क‍ि बैंकों के पास ल‍िक्‍व‍िड‍िटी की चुनौती द‍िन पर द‍िन कम हो रही है. बैंकों के ल‍िक्‍व‍िड‍िटी अच्‍छी रहेगी तो उन्‍हें कर्ज देने के ल‍िए पैसे का इंतजाम नहीं करना पड़ेगा.


एक और एक्‍सपर्ट का कहना है क‍ि बैंकों ने 2000 रुपये के नोट लेने शुरू कर द‍िए हैं. इससे बैंकों के जमा आधार को बढ़ावा म‍िलने की उम्‍मीद है. 2000 रुपये मूल्‍य के नोट वापस लेने के फैसले के बाद बैंकों की ल‍िक्‍व‍िड‍िटी में अस्थायी उछाल आएगा. इसका एक हिस्सा टिकाऊ जमा आधार के रूप में सामने आएगा. इससे बैंकों की ल‍िक्‍व‍िड‍िटी बढ़ेगी. ऐसे में बैंकों को कर्ज देने के ल‍िए आकर्षक एफडी स्‍कीम लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और रेट नीचे आ सकते हैं.