MF SIP: अगर आप भी बनना चाहते हैं करोड़पति? यहां जानिए लॉन्ग ड्यूरेशन के लिए कैसे बनाएं इन्वेस्टमेंट प्लान
Mutual Fund SIP: ऐसे कई निवेश विकल्प अवेलेबल हैं जो निवेशकों को व्यवस्थित योजना और बचत के लिए सही साधन चुनकर संपत्ति बनाने का मौका देते हैं. आप हर महीने कम से कम 1,000 - 5,000 रुपये से भी बचत शुरू कर सकते हैं.
Mutual Fund SIP: करोड़पति बनने का सपना देखना अनरियलिस्टिक नहीं है. आप अनुशासित फाइनेंशियल रूटिन के साथ थोड़ी सी योजना बनाकर अपना सपना पूरा कर सकते हैं. कुछ ही वर्षों में आपका छोटा निवेश एक करोड़ रुपये से ज्यादा के फंड में बदल सकता है. हालांकि, अपने इस गोल को हासिल करने के लिए आपको एक व्यवस्थित प्लान बनाने की जरूरत है.
करोड़पति बनने के गोल को हासिल करने के लिए आपको कितना और किन उपकरणों पर निवेश करना है जैसे फैक्टर्स के बारे में केयरफुल रहना होगा. यहां कुछ फैक्टर्स दिए गए हैं जिन पर निवेश विकल्प चुनने से पहले आपको एक बार विचार करना जरूरी है.
कितना और किस ड्यूरेशन तक करें निवेश?
अपनी कमाई के अनुसार आपको एक ऐसी राशि तय करनी चाहिए, जिसे आप नियमित रूप से जमा कर सकें. राशि अपने फाइनेंशिय गोल, ड्यूरेशन और नियमित रूप से निवेश करने की क्षमता के आधार पर तय करें.
कहां निवेश करें?
एक निवेशक के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल प्लान प्रभावी तरीके से फायदा पहुंचा रही है. योजनाओं में संतुलन होना जरूरी है. म्यूचुअल फंड में व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) आपके फाइनेंशियल गोल को हासिल करने के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है.
इंडेक्स म्यूचुअल फंड
एसआईपी के जरिए निवेश की शुरुआत करें. मासिक निवेश के 20 प्रतिशत में जोखिम कम होता है और रिटर्न 10-12 प्रतिशत की उम्मीद होती है.
इक्विटी म्यूचुअल फंड
इसमें मंथली निवेश का 30 प्रतिशत निवेश करें तो रिटर्न 14-17 प्रतिशत होने की उम्मीद है. चुनने के लिए सही इक्विटी लार्ज-कैप और मिड-कैप होंगे. हालांकि, इसमें जोखिम अपेक्षाकृत ज्यादा हैं.
बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड
बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड में एसआईपी में 12-14 प्रतिशत के अपेक्षित रिटर्न के साथ बैलेंस्ड फंड में जोखिम सीमा निम्न से मध्यम तक होगी.
बैंक आरडी में निवेश
अगर मासिक निवेश का 30 प्रतिशत इसमें निवेश करे तो रिटर्न लगभग 7 प्रतिशत होने की उम्मीद है, जिसमें कोई जोखिम नहीं है.
क्या है कंपाउंडिंग?
निवेश करते समय कंपाउंडिंग ही पैसा बढ़ाना आसान बनाती है. यह पैसे का वह प्रतिशत है जो कोई व्यक्ति अपने मूल निवेश के साथ लास्ट ड्यूरेशन की कमाई से भी कमा सकता है.
कंपाउंडिंग के फायदे
मान लीजिए किसी निवेशक ने बचत खाते में सालाना 10 प्रतिशत ब्याज पर 100 रुपये जमा किए हैं, तो एक साल बाद, उसके पास 110 रुपये होंगे और इसे संयोजित करने के दो साल बाद उसके पास 121 रुपये हो जाएंगे. कंपाउंडिंग ऐसे काम करती है, जिससे समय के साथ निवेश बढ़ता है. इसी तरह 10 साल तक 10 प्रतिशत की दर से कंपाउंडिंग इंटेस्ट के बाद 100 रुपये की जमा राशि बढ़कर 259.37 रुपये हो जाएगी.