Rice Export in India: त्योहारी मौसम को देखते हुए सरकार ने चावल को लेकर बड़ा कदम उठाया है. केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा (Food Secretary Sanjeev Chopra) ने मंगलवार को कहा कि उसना गैर-बासमती चावल (non-basmati rice) के निर्यात पर (Rice Export) बंदिश लगाने की सरकार की फिलहाल कोई योजना नहीं है. केंद्र सरकार (Central Government) ने 20 जुलाई को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. 


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कीमतों पर कंट्रोल करने के लिए उठाया ये कदम
सरकार ने यह कदम आगामी त्योहारी मौसम को ध्यान में रखते हुए घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और इनकी खुदरा कीमतें काबू में रखने के इरादे से उठाया था. इसके पहले पिछले साल सितंबर में टूटे चावल का निर्यात भी रोक दिया गया था.


फिलहाल अंकुश लगाने का नहीं है प्लान
चोपड़ा ने यहां एक कार्यक्रम में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा है कि उसना गैर-बासमती चावल के निर्यात पर अंकुश लगाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है. इसके साथ ही खाद्य सचिव ने कहा कि सरकार की रूस से गेहूं आयात करने की भी फिलहाल कोई योजना नहीं है. सरकार ने पिछले साल मई में ही गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी.


मंत्रालय ने जारी किए आंकड़े
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने 4.8 अरब डॉलर के बासमती चावल का निर्यात किया था. मात्रा में यह निर्यात 45.6 लाख टन था. इसी तरह गैर-बासमती चावल का निर्यात पिछले वित्त वर्ष में 6.36 अरब डॉलर रहा था, जबकि इसकी मात्रा 177.9 लाख टन थी.


कितनी है गैर बासमती चावल की हिस्सेदारी?
खाद्य मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि देश के कुल चावल निर्यात में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी करीब 25 प्रतिशत है. इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से देश में उपभोक्ताओं के लिए कीमतें नीचे लाने में मदद मिलेगी.


निर्यात पर लगाया प्रतिबंध
गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला इस अनाज की कीमतें बढ़ने के बाद उठाया गया था. अप्रैल-जून तिमाही में गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात 15.54 लाख टन हो गया जबकि साल भर पहले की समान तिमाही में यह 11.55 लाख टन रहा था.


चावल उत्पादन बढ़ा
खरीफ फसल वर्ष 2022-23 में देश का कुल चावल उत्पादन बढ़कर 13.55 करोड़ टन पर पहुंचने का अनुमान है जबकि इसके एक साल पहले यह 12.94 करोड़ टन रहा था.


इनपुट - भाषा एजेंसी