सोना बेचकर आप बचा सकते हैं लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स! टैक्स छूट चाहिए तो जान लीजिए इसकी कुछ शर्तें
Tax On Gold Assets: गोल्ड को बेचने पर हुए मुनाफे पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन बनता है, उस पर टैक्स भरना पड़ता है. आप सोना बेचने पर जो मुनाफा हुआ है उस रकम पर आयकर की धारा 54F के तहत टैक्स छूट पा सकते हैं.
Tax On Gold Assets: सोना ने दाम आसमान छू रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों में सोने की कीमतों में भारी उछाल आया है. अक्षय तृतीया से शादियों के सीजन की फिर से शुरुआत हो जाएगी. ऐसे में लोग सोना तो खरीदेंगे ही. वहीं, अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने की मान्यता है. ऐसे में अगर आप भी सोना खरीदने जा रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि टैक्स में छूट का लाभ कैसे ले सकेंगे.
गोल्ड एसेट्स (Gold Assets) बेचने पर बनने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस ( LTCG) पर जो मुनाफा बनता है उस पर टैक्स छूट ( Tax Deduction) हासिल किया जा सकता है. आपको यह छूट इनकम टैक्स (Income Tax) की धारा 54F के तहत मिलती है. यहां जानिए कैसे...
ये है टैक्स से बचने की शर्त
अगर आप 36 महीने से ज्यादा समय के लिए गोल्ड एसेट्स होल्ड करके रखते हैं तो इसे बेचने पर जो प्रॉफिट होता है, उस मुनाफे पर आपको लॉन्ग टर्म टैपिटल गेन टैक्स भरना पड़ता है, लेकिन अगर आप गोल्ड खरीदने के 36 महीने के अंदर-अंदर इसे बेच देते हैं तो उस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन बनता है. सोने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स, इंडेक्सेशन बेनेफिट के साथ 20 प्रतिशत है. जबकि, 3 साल के अवधि के अंदर गोल्ड बेचने पर शॉर्ट टर्म बेनेफिट गेन बनता है.
इस ड्यूरेशन में बेचे गए गोल्ड पर होने वाले प्रॉफिट को निवेशक की इनकम में जोड़ दिया जाता है. इसके बाद वह निवेशक जिस भी टैक्स स्लैब के दायरे में आता है, उसके मुताबिक निवेशक को टैक्स देना पड़ता है. मान लीजिए कोई व्यक्ति 30 फीसदी टैक्स स्लैब में आता है तो उसे सोने के खरीद मूल्य और बेचे गए मूल्य के अंतर पर 30 फीसदी की दर से टैक्स भरना होगा.
इनकम टैक्स की धारा 54F
सेक्शन 54F के तहत हाउस प्रॉपर्टी को छोड़ शेयर्स, गोल्ड, बांड्स को बेचने पर जो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन बनता है, उस पर टैक्स छूट मिलती है. हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें हैं-
सोना बेचने पर हुए मुनाफे पर ऐसे बचाएं टैक्स
सोना बेचने के 1-2 साल के अंदर नई रेडिसेंशियल प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं.
इस रकम से 3 साल में नई रेडिसेंशियल प्रॉपर्टी का कंस्ट्रक्शन कर सकते हैं.
एनएचएआई, आरईसी के बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए गोल्ड बेचने के छह महीने के अंदर इन बॉन्ड में निवेश करना होगा. 54EC बॉन्ड में निवेश की अधिकतम लिमिट 50,00,000 रुपये है.
अगर पूरी रकम इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख से पहले घर खरीदने या बनाने पर खर्च नहीं कर पाते हैं तो इसे सरकारी बैंक के कैपिटल गेन अकाउंट में डिपाॉजिट कर सकते हैं.