NPS में लगा है आपका भी पैसा तो बुढ़ापे में होगी लाखों की कमाई! जानें किन लोगों को मिलेगा ये फायदा?
NPS Investment: सेल्फ-इंप्लॉयड प्रोफेशनल्स को लेकर ऐसी सोच होती कि ऐसे में उन्हें हमेशा काम करते रहना होगा. उनके पास रिटायरमेंट के लिए सेविंग्स का कोई ऑप्शन नहीं होता है, लेकिन ऐशा बिल्कुल भी नहीं है. यहां जानें एनपीएस आपके लिए किस तरह फायदेमंद है.
NPS Investment: हर कोई अपनी यंग एज में खूब मेहनत करते हैं, लेकिन इस भागमभाग में लोग अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग करना ही भूल जाते हैं या अपने फ्यूचर प्लानिंग में देरी कर देते हैं. यह कहना गलत नहीं होगा कि रिटारमेंट की प्लानिंग जिनती जल्दी शुरू की कर दी जाए, उतना आपके लिए अच्छा है. आज हम आपको एनपीएस (National Pension System) के बारे में बता रहे हैं. दरअसल, एनपीएस रिटायरमेंट कॉर्पस यानी कि सेवानिवृत्ति के बाद के लिए रकम बनाने के लिए बहुत ही सही स्कीम है. इस स्कीम में बिजनेस करने वाले लोग, फ्रीलांसर या आंत्रप्रेन्योर भी इंवेस्ट कर सकते हैं.
कोई भी भारतीय नागरिक जिसकी उम्र 18 से 70 साल के बीच हो, नेशनल पेंशन सिस्टम में इंवेस्ट कर सकता है. सेल्फ-इंप्लॉयड प्रोफेशनल्स जैसे डॉक्टर, वकील, सीए, आंत्रप्रेन्योर्स, आर्किटेक्ट, पत्रकार, शेफ, फ्रीलांसर भी इसमें निवेश कर सकते हैं.
बेनिफिट्स ऑफ एनपीएस
एनपीएस में आप जितना जोखिम लेना चाहते हैं, उसके अनुसार अपना कॉन्ट्रिब्यूशन कर सकते हैं. अपनी पंसद का फंड मैनेजर और फंड एलोकेशन चुन सकते हैं. पेंशन रेगुलेटर PFRDA की मानें तो NPS ने पिछले कुछ वर्षों में अपने सब्सक्राइबर्स को मार्केट के मुताबिक बढ़िया रिटर्न के साथ ही टैक्स छूट भी दी है. इस स्कीम में निवेश करने पर सीधे 2 लाख तक की टैक्स में छूट मिलती है.
जानें NPS में निवेश के फायदे
1.एनपीएस में अपना बिजनेस करने वाल अपनी सुविधा के अनुसार जितनी चाहे उतनी रकम का निवेश कर सकते हैं. अधिकतम निवेश या कितनी बार निवेश कर सकते हैं इस पर कोई लिमिट नहीं है.
2. एनपीएस में निवेश करने वाले सब्सक्राइबर्स का अपना इंडिविजुअल पेंशन अकाउंट होता है. ऐसे पति-पत्नी जो दोनों एक साथ बिजनेस कर रहे हैं, वो अलग-अलग एनपीएस अकाउंट ओपन कर सकते हैं. इससे दोनों के लिए अलग-अलग फंड तैयार होगा. वहीं, अगर काम बंद करने पर भी उनके पास हायर पेंशन कॉर्पस होगा.
3. आपके बिजनेस में इंप्लॉई काम करते हैं तो आप लॉयल्टी रिवॉर्ड के तौर पर एनपीएस को उनके लिए भी एक्सटेंड कर सकते हैं. इससे इंप्लॉई सिक्योर होगा और आप इस कॉन्ट्रिब्यूशन को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 36 (1)(iv)(a) के तहत बिजनेस खर्च दिखाकर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.
4. जो सेल्फ-इंप्लॉईड प्रोफेशनल्स एनपीएस में कॉन्ट्रिब्यूशन करते हैं, उन पर ग्रोस एनुअल इनकम के 20% टोटल इनकम से डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. साथ ही सेक्शन 80 CCD(1B) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये तक का टैक्स डिडक्शन और लिया जा सकता है. इस तरह इससे आपका 2 लाख तक टैक्स बच सकता है.