Saving Scheme: इन लोगों की हो गई बल्ले-बल्ले, स्मॉल सेविंग स्कीम में इंवेस्टमेंट लिमिट बढ़ने से होगा फायदा
Saving: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में लघु बचत योजनाओं में निवेश सीमा बढ़ाने का ऐलान किया था. वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में लघु बचत योजनाओं में निवेश सीमा बढ़ाने के फैसले से वरिष्ठ नागरिकों और मध्यम वर्ग के लोगों को काफी फायदा मिलने वाला है.
Budget 2023: सरकार ने इस बार बजट में कई अहम घोषणाएं की हैं. इन घोषणाओं में लघु बचत योजनाएं भी शामिल हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में लघु बचत योजनाओं में निवेश सीमा बढ़ाने का ऐलान किया था. वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में लघु बचत योजनाओं में निवेश सीमा बढ़ाने के फैसले से वरिष्ठ नागरिकों और मध्यम वर्ग के लोगों को काफी फायदा मिलने वाला है.
ऐसा देखा गया है कि वरिष्ठ नागरिक और मध्यम वर्ग अपनी बचत को अधिक रिटर्न या प्रतिफल वाली सुरक्षित सरकारी जमा योजनाओं में लगाते हैं. बजट 2023-24 में वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए इंवेस्टमेंट की अधिकतम सीमा को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा मासिक आय खाता योजना के लिए अधिकतम जमा सीमा एकल खाते के लिए 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रुपये और संयुक्त खाते के लिए 9 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये की जाएगी.
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत निवेश सीमा में काफी समय से बदलाव नहीं हुआ था. हालांकि अब सरकार की ओर से बजट 2023 में इनमें बदलाव का ऐलान करने से मध्यम वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों का काफी फायदा पहुंचेगा. वहीं इंवेस्टमेंट लिमिट को दोगुना करने से अब वरिष्ठ नागरिकों को अपना पैसा शत-प्रतिशत सुरक्षित निवेश विकल्प में लगाने का मौका मिलेगा. साथ ही उन्हें ऊंचा ब्याज भी मिलेगा, जो बैंकों के जरिए दिए जाने वाले ब्याज से ज्यादा है.
बता दें कि डाकघर मासिक आय योजनाओं में निवेश की सीमा में 1987 से बदलाव नहीं हुआ था. वहीं वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) के मामले में निवेश सीमा 2004 में तय की गई थी.
इसी तरह मध्यम आय वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों के बीच बचत के एक अन्य लोकप्रिय माध्यम मासिक आय योजना (एमआईएस) में निवेश सीमा को संशोधित करने का फैसला लिया गया है. एमआईएस पांच साल की जमा योजना है. वर्तमान में इसमें 7.1 प्रतिशत ब्याज मिलता है.
सरकार प्रत्येक तिमाही में लघु बचत योजनाओं की समीक्षा करने के बाद ब्याज दरें तय करती है. वरिष्ठ नागरिक बचत योजनाओं के तहत खाते 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग खोल सकते हैं. इसमें पांच साल तक पैसा जमा कराया जा सकता है.