Polyhouse Farming: अब खेती में नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल होता है. घटती कृषि भूमि और बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए अब ये जरूरी भी हो गया है. कम जगह में ज्यादा उत्पादन आज के समय की बहुत बड़ी है. ऐसे में पॉलीहाउस किसी वरदान से कम नहीं लगते. पॉलीहाउस में खेती (Farming in Polyhouse) करने वाले किसानों की परंपरागत तरीकों से खेती करने वाले किसानों की अपेक्षा अच्छी पैदावार पाते हैं. 


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जानें क्या होता है पॉलीहाउस और इसके फायदे
पॉलीहाउस एक बड़ें हॉल जैसा स्ट्रक्चर होता है, जिसे मोटी पॉलीथीन और लोहे या जीआई पाइपों की मदद से तैयार किया जाता है, इसमें सूरज की रोशनी, हवा और तापमान को भी नियंत्रित किया जा सकता है. 


इन सब्जियों की कर सकते हैं खेती 
आप पॉलीहाउस में लाल-पीली शिमला मिर्च, चैरी टोमैटो, लेट्यूस, ब्रोकली, केल जैसी चीजों की खेती कर सकते हैं. ऑफ सीजन में टमाटर, मिर्च, खीरा लगा सकते हैं. आप पॉलीहाउस में कुछ भी, कभी भी उगा सकते हैं.


इतना आता है पॉलीहाउस बनाने में खर्च
सपाट इलाकों में पॉलीहाउस बनाने पर आपको 1000 स्क्वायर मीटर के लिए करीब 10 लाख रुपये का खर्च आएगा. पहाड़ी इलाके में खर्च थोड़ा ज्यादा हो सकता है. पॉलीहाउस बनाने के लिए आपको पहले निवेश करना होता है, बाद में आपको सरकार से सब्सिडी मिलती है. आप बैंक से लोन भी ले सकते हैं. 


कितनी मिलती है सब्सिडी? 
पॉलीहाउस के लिए मिशन फॉर इंटिग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर के तहत नेशनल हॉर्टिकल्चर मिशन की तरफ से सब्सिडी दी जाती है. सब्सिडी कम से कम 50 फीसदी या अलग-अलग राज्यों के मुताबिक 90 फीसदी तक मिल सकती है. कुछ पिछड़े इलाकों में पॉलीहाउस खेती के लिए सरकार ज्यादा सब्सिडी देती है. 


पॉलीहाउस सब्सिडी के लिए  आवेदन करना होता है. ऑनलाइन आवेदन के लिए वेबसाइट hortnet.gov.in पर विजिट करें. जबकि, ऑफलाइन के लिए तहसील में कृषि विभाग में संपर्क करें. साल में दो बार मार्च-अप्रैल में और अक्टूबर-नवंबर में इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. 


पॉलीहाउस सब्सिडी
पॉलीहाउस बनाने के लिए आपको कुछ डॉक्यूमेंट्स जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक, पैन कार्ड, खेत की खतौनी आदि की जरूरत पड़ेगी.परमिशन मिलने में 2 महीने का समय लग सकता है. इसके बाद आपको स्ट्रक्चर खुद से ही खड़ा करना होगा. इसे देखने दो बार अधिकारी आते हैं, पहली बार जब आप पॉलीथीन लगाते हैं और दूसरी बार जब पूरा स्ट्रक्चर तैयार हो जाता है. इसके बाद फिर से फाइल बनाकर अधिकारियों को भेजनी होती है, तब जाकर सब्सिडी का पैसा आपके बैंक अकाउंट में आएगा.


पॉलीहाउस के फायदे
पूरा स्ट्रक्चर बंद होने की वजह से फसल में कीड़े जल्दी नहीं लगते और अगर लग भी जाएं तो आसानी से इनसे निपट सकते हैं. 
यहां तैयार फसलों की चमक बहुत शानदार होती हैं. 
पारंपरिक खेती की अपेक्षा पॉलीहाउस में पैदावार 2-3 गुनी ज्यादा हासिल कर सकते हैं. 
यहां खेती करने पर कीटनाशक का खर्च कम हो जाता है, जिससे लागत कम आती है और मुनाफा बढ़ता है. 
इसमें ड्रिप इरिगेशन से सिंचाई की जाती है, जिससे पानी की भी बहुत  बचत होती है.