FM Nirmala Sitharaman: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को ‘कृषि विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय कोष’ (IFAD) के प्रमुख अल्वारो लारियो से मुलाकात कर उभरते वैश्विक मुद्दों के अलावा आपसी हितों के मुद्दों पर भी चर्चा की. इस बैठक में सीतारमण ने इस बात पर बल दिया कि आईएफएडी जैसे बहुपक्षीय संस्थानों को खाद्य भंडारण, खाद्य प्रसंस्करण और छोटे आकार की खेती को लाभकारी बनाकर खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में प्रभावी योगदान देना चाहिए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर दें ध्यान
इसके साथ ही वित्त मंत्री ने उभरती अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील देशों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर ध्यान देने का भी अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि इन संस्थानों को खाद्य सुरक्षा, ऋण संकट और जलवायु परिवर्तन जैसी नई वैश्विक चुनौतियों से निपटने का रास्ता निकालना चाहिए.


IFAD है एक संस्था
आईएफएडी संयुक्त राष्ट्र की एक विशिष्ट संस्था है. विकासशील देशों में ग्रामीण क्षेत्रों की गरीबी को दूर करना इसका मुख्य उद्देश्य है. वित्त मंत्री ने आईएफएडी प्रमुख से मुलाकात के दौरान नई एवं उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए बहुपक्षीय विकास बैंकों (MDB) की निष्पक्ष समीक्षा की जरूरत पर भी जोर दिया.


वित्त मंत्रालय ने किया ट्वीट
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट में इस मुलाकात का ब्योरा देते हुए कहा कि आईएफएडी प्रमुख ने जी20 समूह की अध्यक्षता कर रहे भारत के प्रयासों की सराहना की. लारियो ने जलवायु परिवर्तन को आईएफएडी की गतिविधियों के केंद्र में लाने से भी अवगत कराया.


23.2 अरब डॉलर कराए मुहैया
आईएफएडी संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि केंद्र, रोम में स्थित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान है. इसने 1978 से लेकर अबतक अनुदान और कम ब्याज वाले ऋण के रूप में 23.2 अरब डॉलर विकासशील देशों को मुहैया कराए हैं.