EDLI: इस योजना में नौकरीपेशा को 7 लाख का फायदा देती है सरकार, सभी को नहीं पता यह स्कीम
What is EDLI: असामयिक मौत होने की स्थिति में कर्मचारियों के नॉमिनी को को 7 लाख रुपये का डेथ बेनिफिट मिलता है. वहीं, ईपीएस और ईपीएफ स्कीम में कर्मचारियों को योगदान देना होता है. ईडीएलआई (EDLI) योजना में कर्मचारी को किसी प्रकार का योगदान नहीं देना पड़ता है.
Employee Provident Fund Organisation: अगर आप नौकरीपेशा हैं और ईपीएफओ (EPFO) के सदस्य हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, शायद ही आपको यह पता हो कि ईपीएफओ (EPFO) की तरफ से तीन योजनाओं का संचालन किया जाता है. ईपीएफ स्कीम, 1952; पेंशन योजना, 1995 (EPS); और कर्मचारी जमा-लिंक्ड बीमा (EDLI) योजना? ईडीएलआई (EDLI) योजना ईपीएफओ में योगदान करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है. योजना के तहत असामयिक मौत होने की स्थिति में कर्मचारियों के नॉमिनी को को 7 लाख रुपये का डेथ बेनिफिट मिलता है. वहीं, ईपीएस और ईपीएफ स्कीम में कर्मचारियों को योगदान देना होता है. ईडीएलआई (EDLI) योजना में कर्मचारी को किसी प्रकार का योगदान नहीं देना पड़ता है. इसमें केवल नियोक्ता ही योगदान देता है.
1976 में शुरू हुई योजना
जानकार बताते हैं कि ईडीएलआई ईपीएफओ की तरफ से किसी भी कर्मचारी की दुर्भाग्यपूर्ण मौत होने के मामले में उसके परिवार के सदस्यों को बीमा सुरक्षा के रूप में दिये जाने वाले लाभों में से एक है. इसे 1976 में शुरू किया गया था और कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम 1952 के तहत आने वाले सभी संगठन डिफॉल्ट रूप से ईडीएलआई (EDLI) लाभों के लिए नामांकित हो जाते हैं. यदि आप ज्यादा भुगतान वाला लाइफ इंश्योरेंस कवर लेना चाहते हैं तो इस योजना से एग्जिट हो सकते हैं.
EDLI का कॉन्ट्रीब्यूशन
ईपीएफ में कर्मचारी और नियोक्ता का योगदान होता है. हालांकि ईडीएलआई योजना के तहत, नियोक्ता की तरफ से योगदान केवल बेसिक+डीए का 0.5% होता है. यह अधिकतम 75 रुपये तक होता है. इसके अलावा, जिस कंपनी के साथ आप काम कर रहे हैं, उन पर कोई प्रतिबंध नहीं है. हालांकि, यह योजना तभी लागू होती है जब आपने लगातार एक साल तक काम किया हो. साथ ही आपको ईपीएफ का सक्रिय सदस्य होना चाहिए.
EDLI कैलकुलेशन
EDLI की कैलकुलेशन काफी आसान है. इसकी कैलकुलेशन कर्मचारी की रोजगार के अंतिम 12 महीनों में औसत मासिक आय का 35 गुना लेकर की जाती है. इसका अधिकतम औसत मासिक वेतन पर सीमित होता है. उदाहरण के लिए आपका वेतन यदि 15000 रुपये है तो अधिकतम सीमा का 35 गुना यानी 35 x 15,000 रुपये = 5.25 लाख रुपये है. संगठन इस योजना के तहत कुल देय राशि को 7 लाख रुपये करने के लिए 1.75 लाख रुपये तक की बोनस राशि जोड़ता है. इस तरह यह मिलकर 7 लाख रुपये हो जाता है.
जरूरत पड़ने पर दावा कैसे करें?
असामयिक निधन के मामले में नॉमिनी को दावे से संबंधित सभी दस्तावेजों से पीएफ, पेंशन निकासी और ईडीएलआई दावों का दावा करना होगा. नामांकित व्यक्ति के पास कर्मचारी का मृत्यु प्रमाण पत्र या उत्तराधिकार प्रमाण पत्र होना चाहिए. इसके अलावा, रद्द किए गए बैंक खाते के चेक की एक प्रति जिसमें भुगतान का विकल्प चुना गया है, यह भी साथ होनी चाहिए.