84 घंटे काम करने की पॉलिसी... पोस्ट में लिखा ऐसा तो इस कंपनी के CEO को लोगों ने दी मौत की धमकी
Death Threats For 84-Hour Work Policy: भारतीय मूल के CEO और AI स्टार्टअप Greptile के फाउंडर दक्ष गुप्ता ने हाल ही में अपनी कंपनी की विवादास्पद 84 घंटे काम करने की पॉलिसी का खुलासा किया, जिसके बाद उन्हें कई मौत की धमकियां मिलीं.
AI Startup CEO Daksh Gupta: भारतीय मूल के CEO और AI स्टार्टअप Greptile के फाउंडर दक्ष गुप्ता ने हाल ही में अपनी कंपनी की विवादास्पद 84 घंटे काम करने की पॉलिसी का खुलासा किया, जिसके बाद उन्हें कई मौत की धमकियां मिलीं. दक्ष गुप्ता ने सार्वजनिक रूप से कहा कि उनकी कंपनी में काम और जीवन का कोई संतुलन नहीं है और इस पर उन्होंने जो खुलासा किया, वह तेजी से चर्चा का विषय बन गया. इस पॉलिसी को लेकर कई लोग दक्ष गुप्ता की आलोचना कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे एक टॉक्सिक वर्क कल्चर जहरीली मान रहे हैं.
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दक्ष गुप्ता ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में इस बात का खुलासा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी में कर्मचारी आमतौर पर सुबह 9 बजे से रात 11 बजे या बाद तक काम करते हैं, जिसमें नियमित रूप से शनिवार और कभी-कभी रविवार को भी काम करना पड़ता है. दक्ष गुप्ता ने अपने पोस्ट में लिखा, "मैंने उम्मीदवारों को पहले इंटरव्यू में ही बता दिया कि Greptile में कोई वर्क लाइफ बैलेंस नहीं है. आम तौर पर काम के दिन सुबह 9 बजे से शुरू होते हैं और रात 11 बजे या बाद तक चलते हैं, साथ ही शनिवार और कभी-कभी रविवार को भी काम करना पड़ता है."
दक्ष गुप्ता ने यह भी स्वीकार किया कि हाई प्रेशर वाले काम के माहौल और खराब प्रदर्शन के लिए जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को लागू किया गया है. हालांकि, CEO ने यह माना कि शुरू में यह बात शेयर करने में उन्हें असहज महसूस हुआ, लेकिन बाद में उन्होंने इसे अपने दृष्टिकोण के रूप में सही ठहराया. उन्होंने कहा, "शुरुआत में यह गलत महसूस हुआ, लेकिन अब मुझे लगता है कि पारदर्शिता अच्छी है."
पारदर्शिता का समर्थन और विवाद की शुरुआत
दक्ष गुप्ता ने अपनी पोस्ट में इस बात का भी बचाव किया कि वह उम्मीदवारों को पहले से ही यह स्पष्ट करना चाहते थे कि उन्हें क्या उम्मीद रखनी चाहिए, ताकि वे पहले दिन के बाद चौंक न जाएं. उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और देखते ही देखते एक मिलियन से अधिक लोग इस पोस्ट को देख चुके थे. इसके बाद प्रतिक्रियाएं आने लगी. कई लोगों ने दक्ष गुप्ता की नीतियों की आलोचना की और इसे आधुनिक समय की गुलामी करार दिया.
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मौत की धमकियां और नौकरी के आवेदन
विवाद के बीच दक्ष गुप्ता ने एक अपडेट साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी पोस्ट के बाद उनका इनबॉक्स 20% मौत की धमकियों और 80% नौकरी के आवेदन से भरा हुआ था. उन्होंने कहा, "मैं उन सभी के लिए महसूस करता हूं जो अपने सॉफ़्टवेयर जॉब्स में अधिक काम करते हैं और कम भुगतान पाते हैं, खासकर अमेरिका के बाहर. मुझे खेद है कि यह बात किसी को चुभ गई."
दक्ष गुप्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका यह कठोर वर्क शेड्यूल लॉन्गटर्म नहीं था. उन्होंने इसे एक अस्थायी चरण बताया, जो किसी स्टार्टअप के शुरुआती सालों में आमतौर पर देखा जाता है. उन्होंने लिखा, "यह काम करने का तरीका हमेशा के लिए नहीं होना चाहिए क्योंकि यह टिकाऊ नहीं है." उनका कहना था कि जैसे-जैसे कंपनी विकसित होगी, वह अधिक अनुभवी कर्मचारियों को अपनाएगी, खासकर उन कर्मचारियों को जिनके परिवार हैं और जो इतने लंबे समय तक काम करने की स्थिति में नहीं हो सकते.
लोगों ने जमकर की बुराई
दक्ष गुप्ता ने यह भी साफ किया कि उनकी कार्यशैली भारतीय होने के कारण नहीं है, बल्कि वह इसे अपनी ट्रेडशिनल बैकग्राउंड और सैन फ्रांसिस्को की वर्क कल्चर से जोड़ते हैं. उन्होंने कहा, "मैं ऐसा भारतीय होने की वजह से नहीं हूं, बल्कि क्योंकि मैं सैन फ्रांसिस्को से हूं." सोशल मीडिया पर दक्ष गुप्ता की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए एक यूजर ने कहा, "समझदारी यह है कि आप अपनी पोस्ट से सीखें और मानें कि आपने गलत तरीके से इसे प्रस्तुत किया."