Kukur Tihar Story: जहां पूरा देश दिवाली (Diwali) के जश्न में डूबा है तो वहीं, पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी (Siliguri) में एनिमल लवर्स ने कुकुर तिहार (Kukur Tihar) मनाया. बता दें कि कुकुर तिहार पर एनमल लवर्स ने डॉग्स को माला पहनाई और उनकी पूजा की. एनिमल लवर्स ने सिलीगुड़ी के स्ट्रीट डॉग रेस्क्यू सेंटर में कुकुर तिहार मनाया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. कुकुर तिहार का मतलब कुत्ते की पूजा होता है. यह फेस्टिवल रोशनी के त्यौहार दिवाली के दौरान मनाया जाता है. आइए इस कुकुर तिहार की कहानी जानते हैं.


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कुकुर तिहार पर होती है डॉग्स की पूजा


जान लें कि कुकुर तिहार में लोग डॉग्स की पूजा करते हैं. माला पहनाकर उनका सम्मान करते हैं. कुकुर तिहार में सिर्फ पालतू कुत्तों की ही नहीं स्ट्रीट डॉग्स की भी पूजा होती है. कुकुर तिहार में कुत्तों के माथे पर टीका लगाया जाता है. उनको माला पहनाई जाती है. उन्हें इस दिन अच्छा खाना खिलाया जाता है.



क्यों की जाती है डॉग्स की पूजा?


मान्यता है कि कुत्ते मृत्यु के स्वामी यमराज के दूत होते हैं. इसीलिए उनकी पूजा की जाती है. सिलीगुड़ी के फेमस एनिमल लवर संगठन एनिमल हेल्पलाइन ने कुकुर तिहार को बड़े उत्साह से मनाया. इस स्वयंसेवी संस्था के मेंबर्स ने कुकुर तिहार के दिन लगभग 100 स्ट्रीट डॉग्स को नहलाया और उनकी पूजा की. कुकुर तिहार के मौके पर उन्होंने कुत्तों के बढ़िया खाना भी बनवाया. जो कुत्तों ने बड़े चाव से खाया.


कुकुर तिहार क्यों है इतना खास?


एनिमल हेल्पलाइन प्रिया रुद्रा ने कहा कि दुर्गा पूजा और काली पूजा की तरह कुकुर तिहार भी हमारे लिए खास दिन है. इस दिन हम डॉग्स का खास ख्याल रखते हैं. हम उनकी पूजा करते हैं और उन्हें विशेष खाना खिलाते हैं. यह त्यौहार इसलिए भी खास है क्योंकि सभी त्यौहार तो इंसानों के लिए होते हैं लेकिन यह बेजुबानों के लिए है. कुकुर तिहार हमें बताता है कि एनिमल भी हमारे समाज का अहम हिस्सा हैं.