आजाद खान बने सबके `भाईजान`! हनुमान मंदिर में करा रहे भागवत कथा, जुबां पर रटी है हनुमान चालिसा
Bhagwat Katha: भिंड के मौ-कस्बे में एक मुस्लिम परिवार बीते 8 सालों से हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना कर हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम किए हुए हैं. आजाद खान नामक युवक अब दो कदम और आगे बढ़कर हनुमान मंदिर पर भागवत कथा का आयोजन करा रहा है.
Hanuman Chalisa Bhagwat Katha: भिंड के मौ-कस्बे में एक मुस्लिम परिवार बीते 8 सालों से हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना कर हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम किए हुए हैं. आजाद खान नामक युवक अब दो कदम और आगे बढ़कर हनुमान मंदिर पर भागवत कथा का आयोजन करा रहा है. इस कथा में इलाके का समूचा हिंदू और मुस्लिम समुदाय मिलकर हिस्सा ले रहा है. वह पिछले आठ साल से हनुमान मंदिर में हर मंगलवार और शनिवार पूजा अर्चना करते हुए आ रहे हैं.
बीते 8 साल से करते चले आ रहे पूजा अर्चना
दरअसल, मौ कस्बे के गांधीनगर इलाके में रहने वाले आजाद खान और उनका परिवार जागा हनुमान मंदिर पर बीते 8 सालों से हनुमान जी की पूजा-अर्चना करते चले आ रहे हैं. आजाद खान का कहना है कि हनुमान जी की पूजा अर्चना से उनके सारे काम पूरे हो रहे हैं. लिहाजा उन्होंने स्थानीय हिंदू और मुस्लिम बिरादरी के लोगों से जागा सरकार हनुमान मंदिर पर भागवत कथा कराने की इच्छा जाहिर की तो सभी ने उनके निर्णय का स्वागत किया और भागवत कथा कराने के लिए वृंदावन धाम के विख्यात कथावाचक पंडित सुनील कृष्ण शास्त्री से संपर्क कर कुछ दिन पहले नारियल सुपुर्द गया था.
ईद के दिन श्रीमद्भागवत कथा की शुरुआत
भागवत कथा की शुरुआत का दिन 22 अप्रैल ईद वाले दिन निश्चित किया गया था. 22 अप्रैल को आजाद खान द्वारा पहले नमाज अदा की गई, उसके बाद उन्होंने हिंदू और मुस्लिम भाई बहनों को आमंत्रित कर सनातन पोशाक में शहर भर में कलश यात्रा निकाली, जिसमें आजाद खान धार्मिक ग्रंथ भागवत कथा पोती को सर पर रख कर आगे-आगे चल रहे थे. आजाद खान का कहना है कि जिस शिद्दत के साथ वह नमाज अदा करते हैं और इस्लाम की पवित्र महीने रमजान में रोजे रखते हैं. उसी शिद्दत के साथ वह हनुमानजी की पूजा अर्चना करते हैं.
हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल
आजाद खान कहते हैं कि हनुमान जी की कृपा से उनको सब कुछ प्राप्त हुआ है, किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है, उनकी इच्छा थी अपने जीवन काल में भागवत कथा कराई जाए वह भी अब पूर्ण होने जा रही है. भागवत कथा 22 अप्रैल से शुरू होकर 29 अप्रैल तक चलेगी. भागवत कथा के मुख्य यजमान स्वयं आजाद खान हैं. कथा में आजाद खान का पूरा परिवार और इलाके की मुस्लिम बिरादरी भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है. जहां देश में हिंदू मुस्लिम एकता को तोड़ने के लिए बाहरी और भीतरी की ताकतें हर समय प्रयासरत रहती है.
ऐसे में भारत में आजाद खान जैसे लोगों के होते हुए हिंदू-मुस्लिम एकता के ताने-बाने को कोई भी क्षति नहीं पहुंचा सकता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि आजाद खान पहले नाई की दुकान पर मसाज का काम करते थे लेकिन 8 साल पहले सब छोड़ दिया और हनुमान भक्ति में मन लगा लिया और अब श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करा रहे हैं. आजाद खान का कहना है कि ईश्वर अल्लाह एक है हम तो केवल इंसानियत को मानते हैं.
रिपोर्ट: प्रदीप शर्मा
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