Buffalo Golu: रोज 25 लीटर दूध, 15 KG फल, 15 KG दाना, 10 KG मटर खाता-पीता है `गोलू` भैंसा, यहां लगी 10 करोड़ की बोली
Buffalo Golu In Meerut: दस करोड़ का भैंसा. सुनने में थोड़ा अजीब लगता है लेकिन ये सच है. दस करोड़ का ये भैंसा आपको मेरठ में देखने को मिल सकता है. मेरठ के सरदाबर बल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में किसान मेला लगा है.
Meerut 10 Crore Buffalo Golu: मेरठ में इन दिनों किसान मेला चल रहा है और इस किसान मेले में दस करोड़ का भैंसा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस भैंसे का वजन 1500 किलों बताया गया है और इसका नाम गोलू है. लोग गोलू के साथ सेल्फी खींचकर उसे हमेशा यादों में रखना चाहते हैं. दस करोड़ का भैंसा. सुनने में थोड़ा अजीब लगता है लेकिन ये सच है. दस करोड़ का ये भैंसा आपको मेरठ में देखने को मिल सकता है. मेरठ के सरदाबर बल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में किसान मेला लगा है. इस मेले में हरियाणा के पानीपत से दस करोड़ का भैंसा भी मेरठ पहुंच गया है. इस भैंसे का नाम गोलू है.
दस करोड़ का भैंसा बना आकर्षण का केंद्र
भैंसे के मालिक नरेंद्र सिंह बताते हैं कि इस भैंसे की कीमत दस करोड़ तक लग चुकी है. भैंसे के खानपान व देखभाल में प्रति महीने लाखों रुपये का खर्च आता है. इस भैंसे से होने वाली आमदनी भी खूब है. ये भैंसा रोजाना 25 लीटर दूध, 15 किलो फल, 15 किलो दाना और दस किलो मटर खाता है. इसके अलावा हरा चारा भी इसे दिया जाता है. रोजाना शाम के समय इसे छह किमी सैर कराया जाता है. गोलू के शरीर की हर रोज तेल से मालिश की जाती है. इस भैंसे का स्पर्म बेचकर भैंसे के मालिक हर महीने लाखों रुपए की कमाई करते हैं. भैंसे के स्पर्म की मांग हरियाणा के अलावा पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित कई राज्यों में हैं.
मेरठ के कृषि मेले में सेल्फी लेने वालों का तांता
मेले में दस करोड़ी भैंसे के साथ सेल्फी लेने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है. इससे पहले किसान मेले में हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के करमवीर सिंह का सवा नौ करोड़ी भैंसा ‘युवराज’ भी पहुंचा था. इसे सवा नौ करोड़ में खरीदने का ऑफर दिया था.
गौरतलब है कि मेरठ के सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग 'कृषि कुंभ 2022' का शुभारम्भ विश्वविद्यालय परिसर में 18 अक्टूबर को हुआ. कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केके सिंह ने विभिन्न स्टालों का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि खेती की बढ़ती लागत व इसके हिसाब से फसलों का लाभकारी मूल्य न मिल पाना किसानों की प्रमुख समस्या है जिस पर गहन विचार-विमर्श की आवश्यकता है.
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