Excessive yawning symptoms: हमारी ज़िंदगी में कई ऐसी चीज़ें होती हैं जिनके बारे में हम जानते तो हैं, लेकिन उनके पीछे की वजह या विज्ञान को समझ पाना मुश्किल होता है. उबासी लेना भी कुछ ऐसा ही है. जब हम किसी और को उबासी लेते हुए देखते हैं, तो अनजाने में हम भी वही करने लगते हैं. यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिसे "यांत्रिक प्रतिक्रिया" (contagious yawning) कहा जाता है. इसका कारण मस्तिष्क में मौजूद मिरर न्यूरॉन्स होते हैं, जो दूसरों के कार्यों और भावनाओं को नकल करने में मदद करते हैं. इस प्रक्रिया के दौरान, जब हम किसी को उबासी लेते हुए देखते हैं, तो हमारा मस्तिष्क उसे अपनाने की कोशिश करता है, और हमें भी उबासी आ जाती है. यह किसी तरह की सामाजिक जुड़ाव या सामंजस्य की भावना को भी बढ़ावा देता है.


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उबासी हमारे दिमाग को ठंडा करती है


उबासी लेना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिसमें हम मुंह खोलकर गहरी सांस लेते हैं. यह प्रक्रिया हमारे शरीर में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने और कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालने में मदद करती है. इसके अलावा, उबासी हमारे मस्तिष्क को ठंडा रखने का भी एक तरीका हो सकता है. जब एक व्यक्ति उबासी लेता है, तो अक्सर उसके आसपास के लोग भी उबासी लेने लगते हैं. इसे 'संक्रामक उबासी' कहा जाता है. यह प्रभाव सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कारणों से होता है, और वैज्ञानिकों का मानना है कि यह हमारे मस्तिष्क के 'मिरर न्यूरॉन्स' के कारण होता है.


उबासी या जम्हाई का कनेक्शन हमारे दिमाग से होता है


प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार, उबासी या जम्हाई का कनेक्शन हमारे दिमाग से होता है. जब हम काम कर रहे होते हैं और हमारा दिमाग अधिक सक्रिय हो जाता है, तो वह गर्म हो सकता है. दिमाग को ठंडा करने के लिए उबासी आती है, जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करती है. उबासी के दौरान गहरी सांस ली जाती है, जिससे अधिक ऑक्सीजन दिमाग तक पहुंचती है और शरीर को ठंडा करने में मदद मिलती है. हालांकि सर्दियों में, जब हवा ठंडी और शुष्क होती है, तो शरीर को अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, और इसलिए सर्दियों में उबासी ज्यादा आती है. यह प्रक्रिया शरीर को ठंडा रखने और उसे जरूरी ऑक्सीजन प्रदान करने में मदद करती है.


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स्लीप एपनिया बीमारी के कारण भी उबासी आती है


स्लीप एपनिया एक नींद की समस्या है, जिसमें सोते समय मरीज की सांस बार-बार रुक जाती है या कमजोर हो जाती है. इससे उन्हें रात भर में कई बार जगना पड़ता है, जिसके कारण उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती. इस समस्या के कारण मरीज को दिनभर थकान, सिरदर्द, और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है. स्लीप एपनिया के मुख्य लक्षणों में खर्राटे, रात में सांस रुकना, और नींद में बाधाएं शामिल हैं. यह समस्या हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को भी बढ़ा सकती है. इस कारण भी उबासी आने लगती है.