किसान ने इस वजह से सरकार को दान में दे दी इतने एकड़ जमीन! सोच भी नहीं सकते आप
Trending News: किसान ने मीडिया से बात करते वक्त बताया कि उन्होंने अपनी मां चंडिका देवी के अनुरोध पर स्कूल के निर्माण के लिए बिहार सरकार को जमीन दान करने का फैसला किया. दिए गए प्लॉट की कीमत 8 लाख रुपए बताई जा रही है.
Farmer Donates Land For Develop School: भारत में जहां लगभग हर दिन भूमि विवाद की खबरें आती हैं, बिहार में एक किसान ने स्कूल बनाने में मदद करने के लिए अपनी संपत्ति का 11 कट्ठा गिफ्ट में दे दिया. अब उसकी कहानी सोशल मीडिया पर काफी पॉपुलर हो रही है. भागलपुर जिले के बिहपुर प्रखंड के कहारपुर गांव के किसान सुबोध यादव ने अपनी जमीन नेक काम के लिए समर्पित कर एक अच्छी मिसाल पेश की है.किसान ने मीडिया से बात करते वक्त बताया कि उन्होंने अपनी मां चंडिका देवी के अनुरोध पर स्कूल के निर्माण के लिए बिहार सरकार को जमीन दान करने का फैसला किया. दिए गए प्लॉट की कीमत 8 लाख रुपए बताई जा रही है.
किसान की मां ने बेटे से जमीन दान में देने के लिए कहा
बिहपुर प्रखंड का कहारपुर गांव भागलपुर जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर है. कोसी नदी के बढ़ते जल स्तर और 2020 तक स्कूल के पानी में डूब जाने के कारण इस क्षेत्र में भू-क्षरण एक सामान्य चिंता का विषय रहा है. यह इलाके का एकमात्र पब्लिक स्कूल था. निराश होकर विद्यार्थियों को दूसरे क्षेत्र की यात्रा करने या अन्य स्कूलों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. स्कूल की इमारत क्षतिग्रस्त होने के बाद, अधिकारियों ने स्कूल बनाने के लिए नई जमीन की तलाश की. जब किसान की मां चंडिका देवी को इस बारे में पता चला तो उन्होंने अपने बेटे से सरकार को संपत्ति दान करने के लिए कहा. कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद जमीन गिफ्ट की गई.
गांव के बच्चे दूर जाते थे पढ़ाई करने, इस वजह से लिया फैसला
किसान ने आगे बताया कि इस गांव के बच्चों को पढ़ाई में काफी परेशानी हो रही है. इसलिए, हमने स्कूल के लिए जमीन दान करने और मेरी मां के नाम पर रखने का फैसला किया. इस कदम के महत्व के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि बच्चे हमेशा अपनी मां को उस व्यक्ति के रूप में याद रखेंगे, जिसने वह संपत्ति प्रदान की थी जिस पर स्कूल बनाया गया था. भागलपुर के डीईओ संजय कुमार के अनुसार, स्कूल का नाम लाभार्थी के नाम पर रखा जाएगा. उन्होंने खुलासा किया कि सुबोध यादव ने अनुरोध किया था कि स्कूल का नाम उनकी मां के नाम पर रखा जाए. उन्होंने किसान और उसकी मां को इस महान कार्य के लिए बधाई भी दी.