मुंबई के मॉल के मालिक बन गए `बाबा`, नवरात्रि में करते हैं ऐसी साधना जो रूह कंपा दे!
Kalyandas Maharaj: गुरु कल्याणदास महाराज पिछले लगभग 33 सालों से देवी भगवती की साधना में लीन हैं. महाराज अब तक लगभग 24 से 25 समाधियां ले चुके हैं. गुजरात, पंजाब , हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में समाधि ली है.
Kalyandas Maharaj: हाल ही एक एक अजीबोगरीब घटना सामने आ रही है. मुंबई के एक सफल बिजनेसमैन जिन्होंने दो बड़े मॉल्स के मालिक के रूप में अपनी पहचान बनाई थी, अब एक संत के रूप में जाने जाते हैं. उनका नाम जगदीशानंद महाराज है और वे पिछले 33 सालों से साधना और भक्ति में लीन हैं.
कहां के रहने वाले हैं, ये संत
जगदीशानंद महाराज मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हैं. उन्होंने अपने जीवन के शुरुआती वर्षों में मुंबई में दो बड़े शॉपिंग मॉल्स का संचालन किया. उनका व्यवसाय बहुत सफल था और उनका परिवार भी खुशहाल था. लेकिन, धीरे-धीरे उनका मन भक्ति और साधना की ओर आकर्षित होने लगा. उन्होंने अपने व्यवसाय को छोड़कर हिमालय की ओर रुख किया और संन्यास ले लिया.
जगदीशानंद महाराज के पास कितने हैं आश्रम
संन्यास लेने के बाद, उन्होंने अपने जीवन को पूरी तरह से साधना और भक्ति में समर्पित कर दिया. वे अलग-अलग स्थानों पर आश्रम स्थापित करते हैं और उन्हें अन्य साधुओं के दे देते हैं. वर्तमान में, उनके पास गुजरात, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में कुल 6 आश्रम हैं.
कहां लिए समधि जगदीशानंद महाराज
नवरात्रि के दौरान, जगदीशानंद महाराज ने मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के महेश्वर विकासखंड के करौंदिया गांव में समाधि ली है. इस अनोखी साधना में, वे गर्दन से पैर तक खुद को जमीन के अंदर रखते हैं और केवल सिर बाहर रहता है. इस दौरान, वे अपने शरीर पर जौ बोते हैं और नौ दिनों तक अन्न-जल का त्याग करते हैं.
उनकी साधना और भक्ति का यह सफर बहुत ही मोटिवेशनल है. उन्होंने यह साबित कर दिया है कि सच्ची खुशी और शांति भौतिक सुख-सुविधाओं में नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और भक्ति में है. उनके जीवन का यह परिवर्तन हमें यह सिखाता है कि अगर हमारे मन में सच्ची भक्ति और साधना का भाव हो, तो हम किसी भी उम्र में अपने जीवन को एक नई दिशा दे सकते हैं.