What Are Hills: लोग फैमिली या फिर दोस्तों के साथ ट्रिप मारने के लिए अकसर पहाड़ों का रुख करते हैं. कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड तो कभी-कभी सैलानियों से भर जाते हैं. हर साल हजारों-लाखों की तादाद में सैलानी पहाड़ों पर घूमने जाते हैं. खूबसूरत घाटियां भी सबका मन मोह लेती हैं. लेकिन क्या आप हिल और माउंटेन में फर्क जानते हैं, अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं.


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अधिकतर लोग पहाड़ों का मतलब ऊंची-ऊंची चोटियों को समझते हैं. उनका यह ज्ञान कुछ हद तक ठीक है. लेकिन माउंटेन काफी ऊंचा होता है और इसका निर्माण प्राकृतिक रूप से होता है. इनकी ऊंचाई भी काफी ज्यादा होती है. भू-वैज्ञानिकों की माने तो माउंटेन की ऊंचाई 2000 मीटर से भी ज्यादा हो सकती है. इसका अर्थ है कि जो इससे ऊंचा हो, उसी को पहाड़ का दर्जा दिया जाता है. 


कैसे बनते हैं पहाड़


भू-वैज्ञानिक कहते हैं कि जब धरती की दो टेक्टोनिक प्लेट्स एक दूसरे की तरफ आती हैं तो एक प्लेट दूसरी के नीचे घुस जाती है. इसके बाद जो ऊपर वाली प्लेट होती है वह धरती से बाहर निकल जाती है और पहाड़ की शक्ल अख्तियार कर लेती है. लेकिन ये क्रिया साल दो साल की नहीं बल्कि करोड़ों वर्षों की होती है. हर साल पहाड़ों की ऊंचाई 5 से 10 इंच बढ़ती है. माउंटेन की चढ़ाई खड़ी होने के कारण इन पर चढ़ना मुश्किल होता है. पहाड़ों पर कई तरह की जलवायु और वनस्पति पाई जाती हैं.


हिल क्या है?


हिल की ऊंचाई माउंटेन की तुलना में ज्यादा नहीं होती. ये 2000 मीटर से कम ऊंची होती हैं. फॉल्टिंग या क्षरण के जरिए इनका निर्माण हुआ था. इनकी चढ़ाई भी मुश्किल नहीं होती. यहां पहाड़ों की तुलना में लोग आसानी से आ-जा सकते हैं. कई राज्यों में आपको हिल्स देखने को मिल जाएंगी. उन पर बसावट भी हो चुकी है. मसलन दिल्ली का राष्ट्रपति भवन रायसीना हिल्स पर स्थित है. 


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