Traffic yellow light means: अक्सर कहा जाता है कि किसी भी देश का विकास उसकी सड़कों के विकास से जुड़ा है. भारत में भी सड़कों के जाल को तेजी से बढ़ाया जा रहा है. अगर आप सड़कों पर चलते हैं तो उससे जुड़े जरूरी नियम भी आपको फॉलो करने पड़ते हैं. इसकी वजह से सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है. लेकिन तमाम नियम और कोशिशों के बाद भी आए दिन सड़क हादसे की खबरें अखबारों में आती हैं. यहां हम आपको सड़कों से जुड़े कुछ नियम बताएंगे जो आपकी दुर्घटना को चांस को कम करेगा साथ ही आपका हजारों का चालान भी कटने से बच जाएगा.


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ट्रैफिक सिग्नल से जुड़ी जरूरी बातें


देश में कहीं भी ट्रैफिक सिग्नल में लाल, पीली और हरी ये तीन तरह की लाइट्स लगी होती हैं. जिनका मतलब होता है कि रूको, देखो, और आगे की तरफ चलो. यह बात तो आपकी पता होगी कि लाल लाइट्स पर गाड़ी भगाने से चालान होता है लेकिन कुछ लोग येलो लाइट्स को लेकर थोड़ा कंफ्यूज दिखाई देते हैं. 


क्या होता है पीली बत्ती का मतलब 


पीली बत्ती वैसे चेतावनी की तरह काम करती है कि बत्ती लाल होने वाली है. इस दौरान सामने से आ रहे वाहन को रोकने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. यदि आप मेन सिग्नल के नजदीक हैं तो इस जगह को पॉइंट ऑफ नो रिटर्न कहते हैं. यहां से अब आप केवल स्टॉपेज पर ही अपनी गाड़ी रोक सकते हैं. इस दौरान आपको गाड़ी धीरे से रोकने का प्रयास करना चाहिए. अगर पॉइंट ऑफ नो रिटर्न  पर पहुंचकर नियमों के हिसाब से सड़क पार करते हैं तो आपका चालान नहीं होता है लेकिन आप अगर जान-बूझकर सिग्नल तोड़ते हुए गाड़ी आगे भगाते हैं तो आपका चालान हो सकता है.


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