Indian Railways Facts: जब भी आप ट्रेन से सफर करते होंगे तो आपने अंदर कई सारे पंखे लगे हुए देखे होंगे, लेकिन क्या आपने कभी यह नोटिस किया कि उस पंखे के ठीक बगल में कई सारे छेद होते हैं. हालांकि, ज्यादातर लोग इस बात को इग्नोर कर देते हैं लेकिन मन में एक बात जरूर होती होगी कि आखिर इसके पीछे की क्या वजह हो. ट्रेन में पंखे के बगल एक जालीनुमा आकृति होता है. इसे रूफ वेंटिलेटर कहते हैं और इसका यूज बेहद ही खास है. साइंस का एक नियम है कि गर्म हवा हमेशा ऊपर की तरफ ही जाती है. जब ट्रेन में भीड़ ज्यादा हो जाती है तो उसमें गर्म हवा बनने लगती है.


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आखिर क्यों होते हैं पंखे के बगल छेद


ऐसे में ट्रेन के भीतर गर्म हवा को कम्पार्टमेंट के ऊपर की तरफ जाती है. इस वजह से इसे निकालने जरूरी है. इस हवा को बाहर निकालने के लिए पंखे के ठीक बगल छेद बने होते हैं. ट्रेन के ऊपर हवा निकालने के लिए छोटे-छोटे प्लेटनुमा स्पेस छोड़े जाते हैं. ट्रेन के ऊपर उसे ढक दिया जाता है, ताकि बारिश के दौरान पानी अंदर की तरफ न आए, जिसे रूफ वेंटिलेटर सिस्टम कहते हैं. ट्रेन के पंखे और बल्ब घर के इलेक्ट्रिसिटी से नहीं जलते. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि पहले लोग ट्रेन के पंखे-लाइट चोरी करके घर ले जाते थे. फिर रेलवे ने इससे छुटकारा पाने के लिए ट्रेन के भीतर 110 वोल्ट डीसी करेंट से चलने वाले पंखे व लाइट लगा दिए जो घर में यूज नहीं आ सकते.


ट्रेन के अंदर नीचे होते हैं बैटरी बॉक्स


ट्रेन के नीचे एक बैटरी बॉक्स होता है, जिसके जरिए ट्रेन के अंदर लगे पंखे व बल्ब जलते हैं. सोशल मीडिया पर अक्सर ऐसे सवाल आते रहते हैं, जिनके बारे में लोगों को जानकारी नहीं होती. ट्रेन के अंदर लगे पंखे के बगल में होने वाले छेद के बारे में आपको जानकारी हो गई होगी, लेकिन अभी भी कई ऐसे सवाल हैं जिसके बारे लोग बेहद ही कम जानते हैं. इससे जुड़ी खबरें हम आपको आगे भी परोसते रहेंगे.