Green Burial: कब्रिस्तान के लिए दुनिया में कम पड़ रही जमीन, फिर कुछ देशों ने किया ये काम...
Benefits of green burials: कई रिपोर्ट्स की मानें तो दुनियाभर के कुछ देशों में कब्रिस्तान के लिए जमीन कम पड़ती जा रही है. इसे देखते हुए उन देशों ने शवों को दफनाने के बजाए कुछ नए तरीके इजाद किए हैं.
Cremation Services: दुनिया में हर धर्म में अंतिम संस्कार को लेकर कुछ मान्यताएं हैं जिसे उस धर्म के लोग मानते हैं. हिंदू धर्म में शव को जला दिया जाता है. इसके बाद उसकी राख को नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है. इस्लाम धर्म में शवों को जमीन के अंदर दफनाया जाता है ऐसा ही ईसाई र्धम में भी किया जाता है. शवों को जिन जगहों पर दफनाया जाता है उसे कब्रिस्तान कहते हैं. कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो दुनियाभर के कई देशों में कब्रिस्तान के लिए जमीन कम पड़ती जा रही है. इसलिए कुछ देशों ने अंतिम संस्कार से जुड़े कुछ नए तरीके इजाद किए हैं.
हांगकांग में ऐसे हो रहा अंतिम संस्कार
हांगकांग उन देशों की लिस्ट में शामिल है जो कब्रिस्तान के लिए जमीन की कमी से सबसे ज्यादा जूझ रहा है. जमीन कम पड़ने की वजह से यहां नए तरीके अपनाए गए. डायरेक्टर ऑप फूड एंड इनवायरमेंटल हाइजीन ने कहा कि देश के सभी 6 कब्रों में जो लाशें साल 2015 से यहां दफन हैं उनको निकालकर जला दिया जाए.
फ्यूनरल के लिए यह भी है तरीका
कुछ जगहों पर अंतिम संस्कार को लेकर एक अनोखी परंपरा यह है कि यहां किसी भी मरने वाले को सीधे दफनाने के बजाए, मृतक के परिजन उनके शवों को जला कर उसकी राख को एक कलश में लेकर एक A4 साइज के बक्से में रख देते हैं. इसके बाद जगह मिलने उस कलश को कब्रिस्तान में दफन कर दिया जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन इन A4 साइज के बक्सों की कीमत लाखों में होती है.
यहां बन रही अंडरग्राउंड सुरंग
आपको बता दें कि साल 2019 में इजराइल ने एक अनोखी अंडरग्राउंड सुरंग बनाई है. इस सुरंग में लाशों को रखा जाता है. इन सुरंग को पहाड़ों में बनाया गया है. जहां बड़े-बड़े हॉल के जैसे कमरे बनाए गए हैं. यहां ऐसा माना जाता है कि कब्रों से छेड़छाड़ करना गलत बात है.
पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं