निर्मल त्रिवेदी, मेहसाणा: अगर आपसे कोई कहे कि एक गांव ऐसा भी है जहां के युवा मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो क्या आप यकीन करेंगे? लेकिन, यह सच है. गुजरात के मेहसाणा में एक गांव ऐसा है जहां 18 साल से कम के युवाओं पर मोबाइल का इस्तेमाल करना बैन है. यह फैसला गांव के सरपंच का है और बच्चों से लेकर उनके अभिभावक तक इस फैसले की तारीफ कर रहे हैं. आज के समय में बच्चे बिना मोबाइल के अपने जीवन की कल्पना ही नहीं कर पाते हैं. आजकल अगर मोबाइल अगर डिस्चार्ज भी हो जाये तो भी बच्चे बेचैन हो जाते हैं और अगर चार्जिंग करने का मौका नहीं मिले तो गुस्से से इतने लाल पीले हो जाते हैं कि पूछो मत. मोबाइल के बिना उनकी जिंदगी मुश्किल ही नहीं नामुमकिन लगती है.


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गांव की सरपंच अंजना पटेल का कहना है कि गांव में कई ऐसी घटनाएं हुईं जिसकी वजह मोबाइल थे. बाद में पंचायत का आयोजन किया गया और सबने मिलकर यह फैसला किया कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करेंगे. साथ ही यह नियम गांव के सभी बच्चों पर लागू होता है और इसे पूरा करने में अभिभावक भी मदद करेंगे.



गांव के बच्चों का कहना है कि शुरुआत में कुछ दिनों तक उन्हें मोबाइल के बिना अच्छा नहीं लग रहा था. उन्हें परेशानी महूसस हुई, लेकिन अब सब ठीक है. हमारी जिंदगी मोबाइल के बिना ज्यादा खूबसूरत हो गई है और जीवन सरल हो गया है. पहले मोबाइल पर रोजाना कई घंटे बर्बाद होते थे, लेकिन अब हमारा ध्यान पढ़ाई में लगने लगा है. खाली वक्त में अब हम एक दूसरे से मिलते हैं और खेलते भी हैं. पहले हमेशा साथ में मोबाइल होता था और उसी में लगे रहते थे. सरपंच का यह फैसला फिलहाल दूसरे गांव के लोगों के लिए प्रेरणा बन गया है.