Beti Bachao Beti Padhao: सवाल तब उठता है जब सम्मानजनक पद पर बैठे अधिकारी या मंत्री छोटी-छोटी गलतियां करें. स्कूल चलें हम अभियान के तहत मध्य प्रदेश के धार जिले में ब्रह्मकुंडी स्थित एक सरकारी स्कूल में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर पहुंची थीं. इस अभियान को उन्होंने घंटी बजाकर शुरू की. बच्चों के साथ उन्होंने समय भी बिताया. जानकारी के मुताबिक, सावित्री खुद 12वीं पास हैं और इस दौरान उन्हें एक बोर्ड पर 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' लिखना था, लेकिन वह नहीं लिख पाईं. उन्होंने इसके बजाय 'बेढी पड़ाओ बच्चाव' लिख दिया, जिसके बाद उनका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गलत हिंदी लिखते ही वायरल हो गईं मंत्री


मोदी सरकार शिक्षा स्तर में बढ़ावा लाने के लिए सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए प्रोत्साहित कर रही है. वहीं, उन्हीं के मंत्री अब सिर झुकाने का काम कर रही हैं. इस घटना पर कांग्रेस ने भी चुटकी ली और इसका मजाक उड़ाया है. यह घटना मध्य प्रदेश की धार जिले की है, जिसका शुभारंभ सावित्री ठाकुर ने किया था. शिक्षा जागरुकता अभियान के तहत उन्हें एक बोर्ड पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का स्लोगन लिखना था. जैसे ही उन्होंने व्हाइट बोर्ड पर अपनी कलम घुमाई तो अक्षरों में कई गलतियां दिखाई दीं, जिसे पीछे खड़े कई लोगों ने नोटिस किया. वहीं, जब इस दौरान कैमरे में सबकुछ रिकॉर्ड हुआ तो इंटरनेट पर वायरल होने में बिल्कुल भी समय नहीं लगा.


कांग्रेस ने किया हमला


इस घटना पर कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने एक्स पर हमला किया. उन्होंने लिखा, "इसे देश का दुर्भाग्य माने या लोकतंत्र की मजबूरी. देश का संविधान या हमारी शिक्षा नीति इसके लिए जिम्मेदार है." इस हमले के बाद भाजपा ने भी इस पर पलटवार किया है.


 



 


बीजेपी ने किया पलटवार


बीजेपी प्रवक्ता डॉ. हितेश बाजपेयी ने एक्स पर जवाब दिया, "किन परिस्थितियों में आदिवासी बच्चियां कांग्रेस के शासन में पढ़ पाती थी ये सोचिये! जो आपके राहुल नहीं कर पाए वो इस गरीब आदिवासी परिवार की बेटी ने कर दिखाया. न केवल 12वीं तक कठिन परिस्थितियों में और गरीबी में अपनी पढ़ाई की बल्कि संघर्ष कर आज भाजपा से देश की महिला बाल विकास मंत्री बनीं और कसम खाई कि वे उन सब बच्चियों और महिलाओं की मदद करेंगी जो कठिन जीवन जीती हैं! आपने और आपकी कांग्रेस ने तो जैसे आदिवासी महिलाओं के अपमान करने की कसम खा ली है पंडित जी! ये देश और समाज आपकी इस गरीब और महिला विरोधी मानसिकता को कभी माफ नहीं करेगी. कभी आदिवासी के घर बिटिया के रूप में जन्म लेना यदि मनुष्य योनि भाग्य से प्राप्त हो तब समझ आएगा." बता दें कि लोकसभा चुनाव के नामांकन के दौरान सावित्री ठाकुर ने अपनी शिक्षा में खुद को 12वीं पास बताया था.