Mother Daughter Sub Inspector Competition: ऐसा बेहद ही कम देखने को मिलता है, जब किसी के माता-पिता ही अपने बेटे या बेटी के लिए चैलेंज बन जाए. इतना ही नहीं, सबसे चौंकाने वाली बात तब होती है जब पैरेंट्स उसी मंच पर जाकर खड़े हो जाए जहां पर उनका बच्चा कॉम्पिटिशन कर रहा हो. तेलंगाना की एक 21 वर्षीय बेटी के साथ कुछ ऐसा ही देखने को मिला. त्रिलोकिनी तेलंगाना गांव में सब-इंस्पेक्टर के पद के लिए अपनी गर्वित मां के खिलाफ कॉम्पिटिशन के लिए चर्चा में है. 


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सब-इंस्पेक्टर पोस्ट के लिए मां-बेटी में होड़


37 वर्षीय मां दरेली नागमणि (Darelli Nagamani) खम्मम जिले के नेलाकोंडापल्ली मंडल के चेन्नाराम गांव की मूल निवासी हैं. मां एक मामूली वित्तीय बैकग्राउंड से आती हैं. 1999 में, उसने एक खेत में काम करने वाले मजदूर से शादी की और उससे उसकी एक बेटी हुई. नागमणि के पास पहले भी कई नौकरियां रही हैं. उन्होंने आंगनवाड़ी टीचर के पद पर भी काम किया है, लेकिन बाद में उसके भीतर खेल और फिजिकल एजुकेशन के लिए एक जुनून देखने को मिला. खेल के मैदान पर कुछ करने की कोशिश में नागमणि के पति भी उसे सपोर्ट करते हैं.


मां को कई अन्य खेलों में भी काफी रुचि


दरेली नागमणि ने अपने परिवार की मदद से न सिर्फ खो-खो, हैंडबॉल, वॉलीबॉल बल्कि कबड्डी की एक अच्छी खिलाड़ी बनीं और देश में अपना छाप छोड़ा. स्टेट और नेशनल कॉम्पिटिशन में भाग लेने के बाद कई पदक और पुरस्कार भी जीते. साल 2007 में होमगार्ड के पोस्ट पर वह पुलिस विभाग में तैनात हुईं. वह 2020 तक तेजी से आगे बढ़ी. इतना सालों में अच्छे कामों के बाद नागमणि को एक कांस्टेबल के पद पर प्रमोशन मिला. अपनी मां के फलते-फूलते करियर को देखकर त्रिलोकिनी ने अपनी मां के नक्शेकदम पर चलना शुरू किया. त्रिलोकिनी अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के साथ-साथ अपनी मां की तरह एक पुलिस अधिकारी बनना चाहती थी.


फिजिकल टेस्ट के बाद रिटेन टेस्ट का चैलेंज


खम्मम के पुलिस परेड मैदान में आयोजित फिजिकल टेस्ट राउंड में मां-बेटी की यह जोड़ी आकर्षण का केंद्र बन गई. दोनों ने सब-इंस्पेक्टर पोस्ट के लिए एक-दूसरे और अन्य उम्मीदवारों को कॉम्पिटिशन दिया. 21 वर्षीय और 37 वर्षीय मां-बेटी ने एक ही प्रयास में लंबी छलांग और 800 मीटर की दौड़ पूरी कर एक दूसरे को गौरवान्वित किया. फिजिकल चैलेंज के बाद दोनों ने रिटेन टेस्ट दिया, जिसमें नागमणि को लगता है कि दोनों पास हो जाएंगे. अगर मां का जज्बा सही साबित होता है तो मां-बेटी की जोड़ी हाथ में हाथ डाले एक बड़ा लक्ष्य पूरा कर लेगी. आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आने वाली नागमणि अपनी 21 वर्षीय बेटी के साथ इस उपलब्धि को पूरा करने के लिए उत्सुक हैं.


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