नई दिल्ली: NASA Mars 2020 Perseverance Rover Mission: दुनिया भर में भारतीयों के हुनर का डंका बज रहा है. अब इसकी गूंज मंगल ग्रह (Mars) तक सुनाई दे रही है. भारतीय मूल की अमेरिकी वैत्रानिक डॉ स्वाति मोहन (Dr Swati Mohan) इस समय पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बनी हुई हैं. अपनी आवाज को पहचान बनाकर उन्होंने अपने साथ ही भारत (India) का नाम भी रोशन कर दिया है.


मंगल मिशन में भारत का हिस्सा


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दुनिया का लगभग हर बड़ा देश मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाएं (Life On Mars) तलाश रहा है. भारत (India), चीन (China), अमेरिका (America) समेत कई देशों ने मंगल ग्रह पर अपने मिशन (Mission Mars) भेजे हुए हैं. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के पर्सवियरेन्स रोवर मिशन (NASA Mars 2020 Perseverance Rover Mission) को मंगल का सबसे खतरनाक मिशन (Mission Mars) माना जा रहा है.


इस मिशन को 'लाल ग्रह' मंगल (Red Planet Mars) पर लैंड कराने में भारतीय मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. स्वाति मोहन (Dr Swati Mohan) की भूमिका काफी अहम है. शुक्रवार को नासा के पर्सवियरेन्स रोवर मिशन (NASA Mars 2020 Perseverance Rover Mission) के मंगल की सतह पर पहुंचते ही डॉ. स्वाति मोहन की 'टचडाउन कंफर्म्ड' (Touchdown Confirmed) आवाज गूंज उठी थी.



सोशल मीडिया पर वायरल हुई बिंदी


नासा (NASA) ने अपने इस सबसे खास मिशन की फोटोज और वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर शेयर किए हैं. जहां सभी नासा के इस मिशन की तारीफ कर रहे हैं, वहीं भारतीय ट्विटर यूजर्स के बीच डॉ. स्वाति मोहन की बिंदी (Bindi) काफी लोकप्रिय हो रही है. मिशन को कामयाब बनाने के लिए स्वाति मोहन नासा के कंट्रोल रूम में बैठी थीं और इस दौरान उन्होंने माथे पर बिंदी भी लगाई हुई थी. उसके साथ ही उनके चेहर पर मास्क भी नजर आ रहा था.


इस बिंदी को देख देसी ट्विटर (Twitter) यूजर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. सभी उनकी इस कामयाबी से काफी खुश हैं.



तय किया भारत से अमेरिका का सफर


दुनिया भर में अपनी बिंदी की चमक और आवाज की गूंज से प्रसिद्ध हुईं डॉ. स्वाति मोहन मात्र 1 वर्ष की उम्र में भारत से अमेरिका पहुंच गई थीं. स्वाति ने मार्स 2020 मिशन (NASA Mars 2020 Perseverance Rover Mission) के दिशा-निर्देशन और नियंत्रण अभियान (जीएन एंड सी) का नेतृत्व किया था. उन्होंने रोवर को उतारने में उड़ान नियंत्रक (फ्लाइट कंट्रोलर) की भूमिका निभाई है.


VIDEO



यह भी पढ़ें- Video: बर्फिस्तान बना यह शहर, घरों में पंखों तक जमी बर्फ की दीवार


स्वाति ने ही लाल ग्रह के वायुमंडल को पार करते हुए मंगल की सतह पर रोवर के सफलतापूर्वक उतरने की सबसे पहले घोषणा की है. उनकी घोषणा के साथ ही वहां जश्न का माहौल देखने को मिला था.


नॉर्दर्न वर्जीनिया (Northern Virginia) और वॉशिंगटन डीसी (Washington DC) में पली-बढ़ीं स्वाति ने यांत्रिक और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में कॉर्नेल विश्वविद्यालय से स्नातक और फिर मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से वैमानिकी एवं अंतरिक्षयानिकी में एमएस तथा पीएचडी की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंतरिक्ष क्षेत्र (Space) में स्वाति की रुचि नौ साल की उम्र में हो गई थी, जब उन्होंने टीवी शो 'स्टार ट्रेक' (Star Trek) देखा था.


ऐसी वायरल फोटोज देखने के लिए यहां क्लिक करें