सन 1979 का न्यूजपेपर हो रहा वायरल, उस वक्त विदेश घूमने वाले भारतीय अखबार में छपवाते थे अपनी खबर
Trending News: वेस्टर्न कंट्री के उलट जहां डिजिटल जमाने में अखबारों को मुश्किल हो रही है, भारत में छापे जाने वाले अखबारों का कारोबार अभी भी फल-फूल रहा है. ये परंपरा 1780 की है, जब जेम्स ऑगस्टस हिकी ने भारत का पहला अखबार शुरू किया था.
Old Newspaper Ad: वेस्टर्न कंट्री के उलट जहां डिजिटल जमाने में अखबारों को मुश्किल हो रही है, भारत में छापे जाने वाले अखबारों का कारोबार अभी भी फल-फूल रहा है. ये परंपरा 1780 की है, जब जेम्स ऑगस्टस हिकी ने भारत का पहला अखबार शुरू किया था. भारत के घरों में आज भी अखबारों का चलन काफी मजबूत है. ये न सिर्फ स्थानीय और दुनिया भर की खबरों का जरिया हैं, बल्कि विज्ञापन देने का एक मंच भी हैं. आजकल के अखबारों में ज्यादातर सेल, ब्रांड प्रमोशन या फिर डेथ न्यूज छपते हैं. लेकिन, पुराने जमाने में अखबार लोगों को विदेश यात्रा करने पर बधाई भी देते थे.
यह भी पढ़ें: किस्मत हो तो ऐसी! एक नहीं बल्कि दो-दो टिकट का विनर बना कपल, अकाउंट में आए 16 करोड़ रुपये
अंग्रेजी अखबार में छपती थी विदेश यात्रा
सोशल मीडिया पर हाल ही में एक्स यूजर द्वारा शेयर किया गया पोस्ट इस खास परंपरा को दिखाता है. ये तस्वीर एक अंग्रेजी अखबार की टुकड़ा है, जिसमें एक भारतीय शख्स की फोटो, उनकी जानकारी और विदेश यात्रा के लिए बधाई का संदेश छपा हुआ है. 70 के दशक की बात है, जब अखबारों में विदेश जाने वाले भारतीयों को बधाई देने वाले विज्ञापन छपा करते थे. सोशल मीडिया पर एक यूजर ने ये जानकारी शेयर की. उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार की कटिंग भी पोस्ट की थी, जिसमें "कोहिनूर रोलिंग शटर्स एंड इंजीनियरिंग वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड" के डायरेक्टर प्रह्लाद शेट्टी को यूनाइटेड किंगडम, वेस्ट जर्मनी, स्विट्जरलैंड और दूसरे यूरोपीय देशों के बिजनेस ट्रिप पर बधाई दी गई थी.
यह भी पढ़ें: सूर्य ग्रहण कवरेज के वक्त गलती से दिखा दिए शख्स के प्राइवेट पार्ट, लाइव चली गई फुटेज
पोस्ट पर आई मिलीजुली प्रतिक्रिया
इस सोशल मीडिया पोस्ट पर लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आई. कुछ लोगों ने माना कि पिछले 100 सालों में भारतीय अखबारों में काफी बदलाव आया है, वहीं कुछ लोगों को पुराने जमाने की याद आ गई. इस सोशल मीडिया पोस्ट पर लोगों की अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं आईं. एक यूजर ने लिखा, "शायद पहले वीजा के लिए बहुत सारे कागजात की जरूरत नहीं होती थी, इसलिए विदेश जाने का इरादा दिखाने के लिए अखबार में विज्ञापन देना जरूरी होता होगा. अब तो पता नहीं." दूसरे यूजर ने कहा, "पिछले पचास सालों में वाकई में बहुत तरक्की कर ली है."