Man Eeating Tiger in Bihar: पिंजरे में बंधी थी बकरी, रात भर ताक में बैठा रहा आदमखोर बाघ; बाहर निकालते ही कर दिया काम तमाम
Valmiki Tiger Reserve: दुनिया का सबसे खतरनाक शिकारी कहा जाने वाला कोई बाघ अगर आदमखोर बन जाए तो वह ज्यादा खूंखार होने के साथ ही शातिर भी बन जाता है. उसके शातिरपन की ऐसी ही घटना बिहार में देखने को आई है.
Man Eating Tiger Attack: बाघ को शेर के बाद धरती का सबसे खतरनाक जानवर माना जाता है. वह न केवल कुशल शिकारी है बल्कि बुद्धि के मामले में भी तेज होता है. ऐसे ही एक आदमखोर बाघ ने इन दिनों बिहार में दहशत मचा रखी है. वह 3 लोगों को मार चुका है और कई लोगों को गंभीर रूप से घायल कर चुका है. वन विभाग ने आदमखोर बाघ (Man Eating Tiger) को मारने के लिए शिकारी को हायर कर जंगल में मोर्चा लगाया. लेकिन वह सबकी आंखों के सामने चारे के रूप में रखी गई बकरी को लेकर जंगल में गायब हो गया.
बाघ के हमले में अब तक 3 लोगों की मौत
रिपोर्ट के मुताबिक बिहार (Bihar) के पश्चिम पंचारण इलाके में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) बना हुआ है. यह जंगल में बाघों का प्राकृतिक घर है, जहां पर उनके भोजन के लिए प्रचुर मात्रा में पशु-पक्षी मौजूद हैं. इसके बावजूद उनमें से एक बाघ पिछले कुछ दिनों से मानवभक्षी हो गया है और वह जंगल से बाहर निकलकर आसपास के गांव वालों पर हमले कर रहा है. केवल रात ही नहीं, वह दिनदहाड़े खेतों में काम कर रहे लोगों को अपना शिकार बना रहा है. उस बाघ के हमले में अब तक 3 लोगों की जान जा चुकी है. लोगों को मारने के बाद वह उनके शवों को जंगल में खींच ले गया, जहां बाद में उन शवों के सड़े-गले अंश ही बरामद हो पाए.
वन विभाग ने हायर किया प्रोफेशनल शिकारी
वन विभाग ने आदमखोर बाघ को मारने के लिए जाने-माने वन्यजीव शिकारी नवाब शफात अली खान को हायर किया है. लेकिन बाघ की चालाकी के आगे शिकारी की भी एक नहीं चल पाई. असल में बाघ का काम-तमाम करने के लिए वन विभाग के निदेशक सुरेंद्र सिंह, वीटीआर निदेशक डॉ. के. नेशमणि, डीएफओ प्रद्युम्न गौतम, डीएफओ-वन्यजीव पश्चिम चंपारण डॉ. नीरज नारायण और 15 अन्य अधिकारी पिछले 4 दिनों से शिकारी नवाब शफात अली खान के साथ VTR में डेरा डाले हुए हैं. बाघ के पदचिह्नों का पीछा करते हुए उन्हें उसके वीटीआर से सटे हरिहरपुर गांव के पास मौजूद होने का पता चला.
पूरी रात जंगल में छिपकर बैठा रहा बाघ
इसके बाद वन विभाग ने बुधवार को एक भैंस और एक बकरी को चारे के रूप में पिंजरे में डालकर जंगल में खड़ा कर दिया. साथ ही आसपास के ऊंचे पेड़ों पर शिकारी नवाब और अन्य वन अधिकारी तैनात हो गए. बकरी और भैंस के रंभाने की आवाज जब आदमखोर बाघ (Man Eating Tiger) तक पहुंची तो वह मौके पर आ पहुंचा लेकिन जब उसने देखा कि दोनों जानवर पिंजरे में रखे गए हैं तो वह उनके पास नहीं आया और पूरी रात पास की झाड़ियों मे बैठा रहा.
पिंजरे से बकरी के बाहर निकालते ही कर दिया हमला
उसे पास में लाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने गुरुवार सुबह हिम्मत करके बकरी को पिंजरे से बाहर निकालकर बांधा. उनके ऐसा करते ही कुछ ही देर में बाघ ने फुर्ती के साथ बकरी पर झपट्टा मारा और उसे अपने मुंह में दबोचकर जंगल में गायब हो गया. बाघ (Man Eating Tiger) को मारने के लिए शिकारी ने गोली भी चलाई लेकिन वह मिस हो गई.
बहुत चालाक होता है आदमखोर बाघ
वीटीआर निदेशक डॉ. के. नेशमणि ने कहा, 'आदमखोर बाघ (Man Eating Tiger) बहुत चालाक और फुर्तीला होता है. यह हर 2 से 3 घंटे में स्थान बदलता है. हमने हरिहरपुर गांव में जाल बिछाया था. जब तक बकरी पिंजरे के अंदर थी, तब तक बाघ पास नहीं आया. लेकिन जैसे ही हमने उसे पिंजरे के बाहर बांधा, उसने तुरंत बकरी पर अटैक करके उसे मार दिया और बॉडी को खींचकर जंगल में गायब हो गया.'
आसपास के गांवों में फैली हुई है दहशत
उन्होंने बताया कहा, 'बाघ (Man Eating Tiger) बुधवार सुबह चिहुताहा वन क्षेत्र या वीटीआर में स्थित था. वह गुरुवार सुबह नेपाल सीमा पर स्थित राघिया वन क्षेत्र में मसान नदी पार कर इस गांव में पहुंचा. इसके बाद उसकी अभी कोई लोकेशन नहीं मिल रही है.' रिपोर्ट के मुताबिक आदमखोर बाघ के कारण बैरिया कानन गांव, बरवा कलां, देवरिया तरुआंवा, जिमरी, कथाहसनपुर, कदमहवा, हरिहरपुर के ग्रामीणों में दहशत बनी हुए. बाघ अचानक कहीं से भी निकलकर आता है और लोगों पर हमला कर उन्हें अपना शिकार बना रहा है.
(एजेंसी इनपुट आईएएनएस)
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