यहां का अनोखा रिवाज! शादी के लिए लड़का पहले खोजता है लड़की, फिर उसके परिवार से लेता है रजामंदी
Madhya Pradesh’s Bhagoria Festival: भारत के कई हिस्सों ऐसी परंपराएं हैं जिसके बारे में जानकर आप हक्के-बक्के रह जाएंगे. मध्य प्रदेश में एक जनजाति ऐसी है, जहां पर कुछ अजीबोगरीब परंपरा है. चलिए जानते हैं मध्य प्रदेश में मनाई जाने वाले भगोरिया फेस्टिवल के बारे में.
रंग डालकर अपने पंसद के बारे में बताते हैं लड़के
यहां पर लड़का आगे बढ़कर अपनी पसंद की लड़की पर रंग डालता है. इसके बाद लड़की लड़के के चेहरे पर गुलाल लगाती है या फिर पान स्वीकार करती है, जिसे वह प्यार करती है या शादी करना चाहती है. अगर दोनों के भाव पॉजिटिव होते हैं तो दोनों भाग जाते हैं. कभी-कभी वह लड़के के घर जाती है या फिर उसके रिश्तेदार या किसी दोस्त के घर जाती हैं. अपने परिवार की सहमति से होली के आसपास शादी कर लेती हैं.
मध्य प्रदेश के तीन शहरों में मनाया जाता है ये फेस्टिवल
यह किसी बॉलीवुड फिल्म का सीन नहीं है. यह मध्य प्रदेश के तीन आदिवासी जिलों अलीराजपुर, झाबुआ और शहडोल में लगने वाले भगोरिया हाट (Bhagoria Festival) का वास्तविक सीन है. होली से सात दिन पहले मनाया जाने वाला भगोरिया हाट भील जनजाति का त्योहार है. ये आदिवासी कटाई के मौसम के अंत को चिह्नित करने के लिए भगोरिया भी मनाते हैं.
कैसे हुई भगोरिया नाम की उत्पत्ति
भगोरिया नाम की उत्पत्ति 'भाग जाने' से हुई है जिसका अर्थ है भागना. हालांकि नाम में ही स्पष्टीकरण हैं. इस उत्सव में भाग लेने वाले पहले युगल भाव और गौरी थे. वे कोई और नहीं बल्कि भगवान शिव और पार्वती हैं, इसलिए इनका नाम भगोरिया पड़ा.
अपने परिवार की सहमति के बाद कर लेते हैं शादी
स्थानीय लोगों का कहना है कि राजा भगोरे ने इस क्षेत्र पर विजय प्राप्त की और उन्होंने अपनी सेना को अपनी पसंद की लड़की के साथ हाट में भागने की अनुमति दी. तब से हर साल किसी न किसी रूप में इस परंपरा का पालन किया जाता है.
नहीं पसंद आने पर लड़कियां करती हैं ऐसा
कारण जो भी हो, एक देश में युवा लोगों को अपना साथी चुनने की आजादी मिल रही है, जबकि उनके साथ बाकी सभी अपने जीवन साथी चुनने में शामिल हैं. भगोरिया उत्सव में यह प्रथा है कि अगर लड़की को लड़का पसंद नहीं आता है तो वह रंग-लगाकर आगे बढ़ जाती है.