Plane Fuel Tank: आखिर दोनों विंग्स में ही क्यों बनाया जाता है प्लेन का फ्यूल टैंक? सैकड़ों लीटर पेट्रोल हर वक्त रहता है स्टोर
Airplane Fuel Tank: क्या आप जानते हैं कि किसी भी प्लेन का फ्यूल टैंक उसके अगले-पिछले या बीच वाले हिस्से में नहीं बल्कि दोनों विंग्स में बनाया जाता है. आखिर ऐसा करने के पीछे की क्या बड़ी वजह है. आइए आज आपको इस बारे में डिटेल मे बताते हैं.
Flight Fuel Tank: आपमें से काफी लोगों ने प्लेन में कभी न कभी सफर जरूर किया होगा. क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि प्लेन को उड़ाने के लिए कितना फ्यूल खर्च होता है और इसे विमान के किस हिस्से में स्टोर किया जाता है. कई लोग सोचते हैं कि टैक्सी-बाइक की तरह इसे अगले या पिछले हिस्से में बने फ्यूल टैंक (Plane Fuel Tank) में रखा जाता होगा. आप जानकर हैरान होंगे कि प्लेन में ऐसा कुछ नहीं होता. फिर हजारों लीटर पेट्रोल प्लेन में आखिर कहां रखा जाता है. आज आपके ऐसे ही कुछ हैरान करने वाले सवालों का जवाब हम ढूंढकर लाए हैं.
प्लेन को उड़ाने में कितने फ्यूल की जरूरत
सबसे पहले यह जान लेते हैं कि एक प्लेन को उड़ाने में कितने फ्यूल यानी हाई क्वालिटी के पेट्रोल की जरूरत पड़ती है. असल में यह इस बात पर निर्भर करता है कि प्लेन कितना बड़ा है और उसमें कितनी क्षमता का इंजन लगा हुआ है. एक अनुमान के मुताबिक किसी बोइंग 747 प्लेन को उड़ाने में हर सेकंड करीब 4 लीटर पेट्रोल की खपत होती है. यानी कि जब वह विशालकाय प्लेन हवा में उड़ता है तो करीब 240 लीटर पेट्रोल प्रति मिनट पी रहा होता है. अब आप समझ जाइए कि दिल्ली से कोलकाता तक की ढाई घंटे की दूरी तय करने में एक बोइंग 747 प्लेन कितना फ्यूल हजम कर जाता होगा.
विमान में कहां स्टोर होता है हाई क्वालिटी पेट्रोल
अब सवाल आता है कि जब प्लेन को उड़ाने में इतनी भारी मात्रा में फ्यूल यानी हाई क्वालिटी वाला पेट्रोल भरा जाता है तो उसे आखिर विमान में स्टोर कहां किया जाता है. क्या उसके लिए प्लेन के आगे-पीछे या बीच में कोई विशालकाय टैंक (Plane Fuel Tank) बना होता है, जिसमें वह फ्यूल भर दिया जाता है. आप जानकर हैरान होंगे कि प्लेन में ऐसा कुछ नहीं होता. प्लेन के अगले-पिछले या बीच वाले हिस्से में कोई फ्यूल टैंक नहीं होता.
दोनों विंग्स में स्टॉक होता है प्लेन का फ्यूल
असल में प्लेन को उड़ाने में इस्तेमाल होने वाले सैकड़ों लीटर पेट्रोल (Plane Fuel Tank) को विमान को पंखों यानी विंग्स में भर जाता है. प्लेन के दोनों विशालकाय विंग्स अंदर से खोखले होते हैं और ये बड़ी मात्रा में फ्यूल को अपने अंदर समा सकते हैं. इसकी दो वजहें और भी हैं. पहला, अधिकतर प्लेन के विंग्स में ही इंजन लगे होते हैं. ऐसे में इंजन को फ्यूल की सप्लाई देने के लिए अलग से व्यवस्था नहीं करनी पड़ती. पतले से पाइप के जरिए विंग्स में स्टॉक पेट्रोल आसानी से इंजनों को सप्लाई होता रहता है.
हवा में समान बना रहता है प्लेन का वजन
विंग्स में ईंधन भरने की दूसरी बड़ी वजह विमान का बैलेंस बनाए रखना भी होता है. दरअसल किसी भी विमान को उड़ाने के लिए हवा में बैलेंस बनाए रखना बहुत जरूरी होता है. इसके लिए प्लेन के वजन के बराबर लिफ्ट फोर्स का होना बहुत जरूरी होता है. इसी लिफ्ट फोर्स को बनाने के लिए खोखले विंग्स में सैकड़ों लीटर पेट्रोल (Plane Fuel Tank) भरा जाता है, जिससे दोनों पंखों में वजन हो जाता और इससे विमान के किसी हिस्से के एक ओर झुक जाने की समस्या खत्म हो जाती है. तो अब आपको समझ आ गया हो गया कि प्लेन में लगे विंग्स कितने काम के होते हैं और अगर वे क्षतिग्रस्त हो जाएं तो प्लेन का उड़ना मुश्किल हो जाता है.
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