Success Story Of Auto Rickshaw Driver Daughter: रूबी प्रजापति ने NEET UG में 720 में से 635 नंबर हासिल कर अपने माता-पिता के उस सपने को पूरा किया है जिसमें वे अपनी बेटी को डॉक्टर बनते देखना चाहते थे, और यह सब उनके परिवार की गरीबी और खुद के डिप्रेशन से लड़ने जैसी बड़ी चुनौतियों के बावजूद हुआ. NEET देश की सबसे प्रतिस्पर्धी प्रवेश परीक्षाओं में से एक है, जो मेडिकल छात्रों को अपने सपनों के कॉलेजों तक पहुंचने का रास्ता प्रदान करती है. नीट में 6838 रैंक और 635 स्कोर के साथ रूबी की यात्रा किसी भी NEET को क्रैक करने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति के लिए एक प्रेरणा का काम करती है. वर्तमान में, रूबी दिल्ली के VMMC & सफदरजंग अस्पताल में एक मेडिकल छात्र हैं और एक यूट्यूबर भी हैं, जो आकांक्षी छात्रों को NEET को कैसे क्रैक करें, इस पर अपनी टिप्स और ट्रिक्स के साथ प्रेरित करती हैं. उनके 14K फॉलोअर्स हैं. 


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ऑटो रिक्शा ड्राइवर की बेटी की पूरी कहानी


रूबी ने कहा, "मैं गुजरात के एक गांव में पली-बढ़ी हूं जहां पढ़ाई की बहुत कम सुविधाएं थीं. मैंने एक सरकारी स्कूल में पढ़ाई की और हमेशा एक अच्छी छात्रा रही. जब मैंने डॉक्टर बनने का फैसला किया तो सबसे बड़ी चुनौती फीस जुटाना थी, क्योंकि मेरे पिता इसे पूरा नहीं कर सकते थे. सौभाग्य से, मेरे चाचा ने आगे बढ़कर एक साल के लिए मेरी प्रवेश कोचिंग के पैसे दिए. हालांकि, मैं शुरू में संघर्ष करती रही और हतोत्साहित हुई. चार कोशिशों के बाद, मैंने आखिरकार प्रवेश परीक्षा पास कर ली. यह आसान नहीं था, और कई बार मैं हार मानना चाहती थी, लेकिन मैंने हार नहीं मानी."


चाचा ने पैसों से की मदद


उन्होंने आगे कहा, "खर्चों की मदद के लिए मैंने ट्यूशन भी देना शुरू कर दिया. मुझे यूट्यूब पर फिजिक्स वाला के वीडियो, खासकर उम्मीद बैच बहुत मददगार लगे. परीक्षा से ठीक पहले, मैंने उनका NEET क्रैश कोर्स भी ज्वाइन किया, जिसने वास्तव में फर्क किया. मजबूत रहने और कड़ी मेहनत करने से मुझे आगे बढ़ने और अपना सर्वश्रेष्ठ देने में मदद मिली."


'डिप्रेशन से हो गई थी परेशान'


अपने पिता के बारे में बताते हुए कहा, "मेरे पिता एक ऑटो चालक हैं, इसलिए वे पूरी तरह से आर्थिक मदद नहीं कर पाए थे. मेरे चाचा ने मेरी फीस के लिए उनका सहयोग किया. आर्थिक तंगी के बावजूद मेरे पिता ने मेरी पढ़ाई में कभी मदद करने से इनकार नहीं किया और जितना हो सका उन्होंने मेरा साथ दिया. मेरी मां के सकारात्मक उत्साह ने मेरी पढ़ाई में मेरा मन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वह मेरे डिप्रेशन से उबरने की वजह हैं और मैं अपनी सारी ताकत उनसे ही लेती हूं."


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भाई के गुजरने के बाद मिली प्रेरणा


रूबी ने अपनी मां और भाई के बारे में कहा, "मेरी मां ने पशुपालन करके मदद करती हैं. मेरा एक बड़ा भाई है जिसे बोलने में देरी की समस्या है, और मेरा एक छोटा भाई था जो नौ साल पहले गुजर गया. लोगों की मदद करने के लिए मेरा मेडिसिन पढ़ने का बड़ा कारण यही था. मैंने अपने भाई को खो दिया है जो 9 साल पहले गुजर गया था. मैं समझ सकती हूं कि लोग क्या गुजरते हैं और सभी को बेहतर और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करना है. लोगों की मदद करने की मेरी क्षमता मुझे हमेशा इस करियर में सफल होने के लिए प्रेरित करेगी."