Success Story: पेंटिंग्स ऐसी जिसे लाखों रुपये में खरीदना चाहते हैं विदेशी, छिपे हैं लड़कियों के कई इमोशन
Success Story: कई ऐसी हैं जो कविता या शायरी में बदल देती हैं लेकिन एक युवा लड़की ने कुछ अनोखे तरीके से महिलाओं के अंदरूनी दुख-दर्द, खुशी-प्रेम और तमाम तरह की भावनाओं को पेंटिंग के जरिए उकेरा है.
Success Story: कहते हैं कि महिलाओं के मन में कई भावनाएं होती हैं और अक्सर वह किसी से शेयर नहीं कर पातीं या फिर कहने से कतराती हैं. हालांकि, कुछ महिलाएं अपनी मन की बातों को पिरोने के लिए लिखने की आदत डालती हैं, जबकि कई ऐसी हैं जो कविता या शायरी में बदल देती हैं लेकिन एक युवा लड़की ने कुछ अनोखे तरीके से महिलाओं के अंदरूनी दुख-दर्द, खुशी-प्रेम और तमाम तरह की भावनाओं को पेंटिंग के जरिए उकेरा है. युवा आर्टिस्ट का नाम है खुशी रावत और उनकी जड़ें उत्तराखंड से हैं. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई तो प्रयागराज से की, लेकिन अपने करियर को तलाशने के लिए दिल्ली की तरफ रुख किया.
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कैसे बनानी शुरू की अनोखी पेंटिग्स?
खुशी रावत एक बेहतरीन आर्टिस्ट हैं और उन्हें बचपन से ही आर्ट करना पसंद है, लेकिन 9वीं क्लास में उनकी एक पेंटिंग ललित कला एकेडमी अवॉर्ड मिला तो अपना करियर इसी में ही निखारने को सोचा. पढ़ाई के साथ-साथ अपनी पेटिंग्स पर भी ध्यान दिया और ग्रैजुएशन के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (बीएफए) को चुना. पढ़ाई के साथ-साथ खुशी ने दर्जनों पेंटिंग बनाईं. खुशी ने जैसे ही अपना ग्रैजुएशन पूरा किया, उनकी तीन पेंटिंग्स लाखों रुपयों में बिकी. अब वह दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही मास्टर्स इन फाइन आर्ट्स कर रही हैं.
किन पेंटिग्स से चर्चा में आईं खुशी?
महिलाओं के इमोशन से जुड़ी पेंटिंग्स लोगों को सोचने पर मजबूर करती हैं. हाल ही में, उन्होंने दो ऐसी पेटिंग्स बनाई जिसे एक अमेरिकी कंपनी ने अपने ऑनलाइन कम्युनिटी इवेंट में बेचने के लिए शामिल किया. अमेरिकी कंपनी मार्बल लोटस ने दोनों पेंटिंग्स को बेचने के लिए 7 लाख से ज्यादा की कीमत रखी. इन पेंटिग्स के बारे में खुशी रावत ने कहा, "एक सुबह दिल्ली में घूमते हुए मैंने कुछ अजीब देखा. एक फैशन शोरूम ने अपने मैनिक्विन (Mannequins) पर कपड़ा डाला था. हल्के मूड में मैंने सोचा कि क्या मैनिक्विन (Mannequins) भी सुरक्षित नहीं हैं. हालांकि मजाक में कहा गया था, लेकिन इस टिप्पणी ने मेरे मन में गहरे सवाल खड़े कर दिए."
पेंटिंग्स के जरिए क्या चाहती हैं बतलाना?
खुशी अपनी पेटिंग्स को बनाते हुए कई चीजों के बारे में विचार करती हैं. उनका कहना है कि कैसे महिलाओं से अपेक्षा की जाती है कि वे खुद को शारीरिक और भावनात्मक रूप से ढक लें. उनके विचारों और दुविधाओं को अक्सर दबा दिया जाता है, जिससे उनकी असली भावनाएं छिप जाती हैं और उन्हें बोलने से रोकती हैं. ऐसे संसार में जहां महिलाओं की भावनाओं को एक रहस्य के रूप में देखा जाता है, केवल एक अन्य महिला ही वास्तव में समझ सकती है और सहानुभूति रख सकती है, जिसने कई बाधाओं का सामना किया है. इन आवरणों से ढकी हर महिला को अपनी साथी महिलाओं में सांत्वना और समर्थन मिलता है, जो एक समान संघर्ष साझा करती हैं.
उनका सपना एक बड़ी आर्टिस्ट बनना है. वह अपनी पेटिंग्स से दुनिया को एक नया नजरिया देना चाहती हैं. महिलाओं की भावनाओं को समझाने के लिए वह अपनी पेटिंग्स का यूज करती रहेंगी और लाखों महिलाओं को प्रेरित करेंगी.