दुनियाभर में साइकिल से घूम रहा है यह शख्स, अब तक कर चुका इतने देशों की सैर
वर्ल्ड टूर (World Tour) पर जाना किसे पसंद नहीं होता है? नई-नई जगह पर जाना काफी मजेदार होता है. लेकिन क्या आप साइकिल से वर्ल्ड टूर (World Tour On Bike) करना पसंद करेंगे? दुनिया में एक शख्स ऐसा भी है, जो अपनी साइकिल पर ही दुनिया घूम रहा है.
नई दिल्ली: कुछ लोग काफी डेयरिंग होते हैं और हर चीज को एक अलग अंदाज में करते हैं. दुनिया की सैर (World Tour) तो सभी करना चाहते हैं और आमतौर पर इसके लिए फ्लाइट व ट्रेन जैसे साधनों का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि दुनिया में एक शख्स ऐसा भी है, जो अपनी साइकिल पर दुनिया के कई देशों की यात्रा कर चुका है. उसे ऐसे ही मजा आता है और वह सोशल मीडिया पर अपनी ट्रिप की तस्वीरें और अनुभव भी शेयर करता है.
पिछले नौ वर्षों में कामरान नामक शख्स ने 50 हजार किलोमीटर साइकिल चलाकर 43 देशों की यात्रा की है. फिलहाल कामरान पाकिस्तान में रुके हैं क्योंकि कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण उन्हें आगे जाने की हरी झंडी नहीं मिल पा रही है. इन दिनों कामरान पुरानी तस्वीरों को शेयर कर रहे हैं.
जर्मनी से शुरू की साइकिल यात्रा
कामरान ने 2011 में जर्मनी से पाकिस्तान की यात्रा शुरू की थी. वे दिन में सौ-दो सौ किलोमीटर और कभी-कभी तो 250 किलोमीटर तक साइकिल चलाते थे. उन्होंने सीधे ईरान जाने के बजाय मध्य एशियाई देशों के रास्ते से पाकिस्तान जाने का फैसला किया था. वे मध्य एशिया से होते हुए खंजराब के रास्ते पाकिस्तान पहुंचे थे. ईरान से तुर्कमेनिस्तान, फिर उज्बेकिस्तान, तजाकिस्तान, किर्गिस्तान और फिर चीन और वहां से खंजराब दर्रे के रास्ते पाकिस्तान पहुंचे थे. उन्होंने जुलाई 2015 में पाकिस्तान में प्रवेश किया था.
जर्मनी में पूरी हुई पढ़ाई
कामरान ने काफी मुश्किलों से पढ़ाई की थी. लोगों से रुपये इकट्ठा करके जर्मनी की यात्रा शुरू हुई थी. कामरान का विमान जब तुर्की के ऊपर से गुजरा और उन्होंने खिड़की से बाहर देखा तो हैरान रह गए. नदी, नाले, सड़क आदि सब कुछ उन्हें आड़ी तिरछी लाइनों की तरह दिख रहे थे. पहाड़ ऐसे लग रहे थे जैसे पुराने कागजों में सिलवटें पड़ी हुई हों.
उन्हें लगा कि इतना विशाल और सुंदर परिदृश्य है, लोग यहां कैसे रहते होंगे, वे किस बारे में बात करते होंगे, इनकी संस्कृति क्या होगी. वे सोचते रहे लेकिन उस समय इसका जवाब नहीं मिल रहा था. फिर उन्होंने उस समय सोचा, क्यों न मैं इन रास्तों पर खुद चल कर यह सब देखूं. विमान अभी तक जर्मनी उतरा भी नहीं था. उन्होंने वहीं बैठे-बैठे खुद से वादा किया कि एक दिन वे जर्मनी से पाकिस्तान साइकिल पर जाएंगे.