Toilet Flush Use: जब भी आप मॉडर्न टॉयलेट में जाते हैं तो आपने एक चीज जरूर गौर की होगी, वह है दो बटन वाला फ्लश. उनमें से एक बटन छोटा होता है, जबकि दूसरा बटन बड़ा. अक्सर लोगों को जब समझ नहीं आता तो लोग दोनों ही फ्लश दबाकर चले जाते हैं. हालांकि, क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की आखिर टॉयलेट में एक बटन बड़ा और एक बटन छोटा क्यों होता है? चलिए हम आपको इसके बारे में डिटेल में बताते हैं. टॉयलेट में सिर्फ छोटे वाले बटन का यूज करना चाहिए, क्योंकि इससे आपके पानी की बचत होगी. यह आइडिया अमेरिकी ​इंडस्ट्रियल डिजाइनर विक्टर पैपनेक के दिमाग में पहली बार 1976 में आया था, जिसे अब पूरी दुनिया में फॉलो किया जा रहा है.


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टॉयलेट में आखिर क्यों होते हैं दो बटन?


विक्टर पैपनेक ने पानी की बचत के लिए दो बटन वाले मॉडर्न फ्लश टॉयलेट (Flush Toilet) की खोज की, जिससे आप अपने घर में पानी की बचत कर सके. आप अपने घर, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल जैसी तमाम जगहों पर डुअल फ्लश (Dual Flush) वाले टॉयलेट जरूर देखे होंगे, लेकिन क्या आपने कभी इस बात का गौर किया कि आखिर इसके पीछे की सच्चाई क्या है. चलिए हम आपको बताते हैं. दरअसल, विक्टर पैपनेक की इस खोज से पहले टॉयलेट में पानी की खपत ज्यादा होती थी, लेकिन उन्होंने पानी की खपत को बचाने के लिए दो बटन वाला टॉयलेट तैयार किया.


वजह जानकर आप भी शुरू कर देंगे छोटे बटन का यूज


बड़े वाले बटन में करीब 6 लीटर पानी स्टोर होता है, जबकि छोटे वाले बटन से पानी की खपत उससे कम साढ़े तीन से चार लीटर तक होती है. यानी अगर आप छोटे वाले फ्लश को दबाएंगे तो पानी कम निकलेगा, जबकि बड़े वाले बटन से पानी ज्यादा निकलेगा. पानी की समस्या से पूरा दुनिया जूझ रही है और ऐसे में वॉटर सेविंग करना हर इंसान की नैतिक जिम्मेदारी है. विक्टर पेपनेक ने 46 साल पहले 1976 में अपनी किताब ‘डिजाइन फॉर द रियल वर्ल्ड’ में भी इसके बारे में बताया था. मीडिया द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, अगर लोग पूरे साल छोटे वाले फ्लश का इस्तेमाल करें तो वह 20 हजार लीटर पानी तक की शेविंग कर सकते हैं.


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