South korea Viral News: कई बार हमारी छोटी सी गलती बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है और इसका एक ताजा उदाहरण दक्षिण कोरिया से सामने आया है. यहां एक ट्रेन ऑपरेटर की छोटी सी गलती के कारण 125 ट्रेनें देर से चलने लगीं. यह स्थिति तब सामने आई जब इस गलती का कारण खुलासा हुआ. लोगों को यकीन ही नहीं हुआ कि इतनी छोटी सी गलती के कारण इतना बड़ा नुकसान हो सकता था. यह घटना एक सबक है कि कभी-कभी छोटी सी लापरवाही बड़े परिणाम ला सकती है.


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 4 मिनट के कारण 125 ट्रेनें देर से चलने लगीं


कोरियन हेराल्ड में छपी खबर के मुताबिक, सोमवार को एक चौंकाने वाली घटना ने सभी को हैरान कर दिया. दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में करीब 125 ट्रेनें देर से चलने लगीं. इसका कारण एक ट्रेन ऑपरेटर की छोटी सी भूल थी, जो केवल 4 मिनट के लिए टॉयलेट ब्रेक पर चला गया था. उसकी इस गलती के कारण राजधानी में चलने वाली सभी ट्रेनों में रुकावट आ गई, और यात्रियों को 20 मिनट या उससे ज्यादा की देरी का सामना करना पड़ा. इस घटना ने यह साबित कर दिया कि छोटी सी लापरवाही भी बड़े असर का कारण बन सकती है.


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स्टेशन पर ट्रेन रुकने के कारण पीछे से आने वाली ट्रेनों को भी रुकना पड़ा


मीडिया से बात करते हुए सियोल मेट्रो ने बताया कि सियोल की लाइन 2 पर सोमवार सुबह करीब 8 बजे एक ट्रेन ऑपरेटर ने स्टेशन पर रुककर टॉयलेट जाने का निर्णय लिया. ऑपरेटर को नेचर कॉल का इतना ज्यादा प्रेशर महसूस हुआ कि वह खुद को रोक नहीं पाया. इस दौरान स्टेशन पर ट्रेन रुकने के कारण पीछे से आने वाली ट्रेनों को भी रुकना पड़ा, जिससे धीरे-धीरे देरी का सिलसिला बढ़ते हुए 125 ट्रेनों तक पहुंच गया. यह घटना पूरी तरह से अप्रत्याशित थी और देखते ही देखते पूरे देश में एक बड़ा मुद्दा बन गई.


 


 



सियोल मेट्रो ने हालांकि एक बयान जारी करते हुए यात्रियों को आश्वस्त किया कि ज्यादा परेशानी की कोई बात नहीं है और वे सभी थोड़ी देरी से अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच जाएंगे. इस घटना को जानने के बाद अब शायद आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि ऑपरेटरों को स्टेशन पर उतरने की इतनी मजबूरी क्यों आई. दरअसल, ट्रेन में इमरजेंसी के लिए पोर्टेबल टॉयलेट होते हैं, लेकिन कई बार स्टाफ को प्लेटफॉर्म पर बने बाथरूम का उपयोग करना पड़ता है, जो ट्रेन से दूर होते हैं. इस कारण ऐसी घटनाएं हो जाती हैं. जब यह खबर सोशल मीडिया पर फैली, तो लोग कर्मचारियों के ऊपर बढ़ते दबाव और उनके लेबर राइट्स पर चिंता जताने लगे, क्योंकि उन्हें अपने काम के दौरान अक्सर ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है.