Dreaming: सोते समय हमें सपना क्यों आता है? असली कारण जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे
Sleeping: खास बात यह है कि सपने देखना केवल इंसानों की ही आदत नहीं होती है, बल्कि जानवर भी सोते समय कल्पना की दुनिया में चले जाते हैं. इतना ही नहीं सपने देखते समय हमारी बंद आंखों में भी सक्रियता नजर आती है.
Reason Of Dream: सपना देखना कोई बुरी बात नहीं है. सपने देखने से आदमी उसे सच करने के लिए मेहनत करता है और बड़ा सपना देखने वाले हमेशा बड़ा ही करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि हम सपना क्यों देखते हैं. क्यों हम सोते समय कल्पना की दुनिया में गोते लगा देते हैं. अगर आप इसका कारण नहीं जानते हैं तो आज जान लीजिए कि मनोवैज्ञानिक कारण क्या होता है जिससे हमें सपने आते हैं.
दरअसल, एक्सपर्ट्स का मानना है कि सपनों का महत्व प्राणी के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अहम होता है. मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से, सपने हमारे मन की उत्पत्ति और कार्यक्षमता को प्रदर्शित करते हैं. वे बताते हैं कि हम जो भी सोचते हैं या जो भी हमारे दिनचर्या का हिस्सा होता है, उससे हमारे सपनों प्रभावित होते हैं. इसलिए, अगर हम निरंतर शांत और सकारात्मक विचार करते हैं, तो हमारे सपने भी सकारात्मक होंगे और हमारे मन के लिए उत्तम होंगे.
सपनों का अध्ययन और अनुसंधान, संभवतः व्यक्ति की भविष्यवाणी में मदद कर सकता है. कुछ लोग सपनों में देखी गई चीजों और घटनाओं के आधार पर अपने भविष्य के बारे में अंदाजा लगाते हैं. सपनों के माध्यम से हम अपने अंतरंग दुखों और चिंताओं का सामना कर सकते हैं. ज्योतिष विद्या में भी सपनों का महत्व अधिक होता है. कुछ लोग विश्वास करते हैं कि सपनों के माध्यम से भविष्य में होने वाली घटनाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है.
सपनों के आने का मुख्य कारण प्राणी की सोच होती है. जो जैसा सोचता है उसे वैसे ही सपने आते हैं. हालांकि कई बार उम्मीद के विपरीत भी सपने आते हैं. सपने मूलतः मन की एक विशेष अवस्था होते हैं, जिसमें वास्तविकता का आभास होता है. सपने ना तो जागृत अवस्था में आते हैं ना ही निद्रा में बल्कि यह दोनों के बीच की तुरीयावस्था में आते हैं.
कुछ एक्सपर्ट यह भी मानते हैं कि सपनों के आने के पीछे खान-पान और बीमारियों की बड़ी भूमिका होती है. इसके पीछे ग्रह और राशियां भी जिम्मेदार होती हैं. लेकिन हर सपने का कोई अर्थ नहीं होता है. ज्यादातर सपने निरर्थक भी होते हैं. मजेदार बात यह है कि सपने देखना केवल इंसानों की ही आदत नहीं होती, बल्कि कई जानवर भी सोते समय कल्पना की दुनिया में चले जाते हैं.