Playing Cards French Revolution: दिवाली (Diwali) के पर्व पर कई लोग ताश के पत्ते (Playing Cards) खेलना पसंद करते हैं. ताश की गड्डी में 52 पत्ते होते हैं, जिन पर सारा खेल चलता है. कोई पत्ता छोटा तो कोई बड़ा होता है. लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा है कि ताश के पत्तों में इक्के का पत्ता बादशाह और बेगम से बड़ा क्यों होता है? जबकि सब कहीं तो राजा-रानी सबसे ऊपर होते हैं. बता दें कि ताश के पत्तों में इक्के के बादशाह-बेगम पर भारी पड़ने के पीछे रोचक वजह है. इसका कनेक्शन यूरोपीय देश फ्रांस में हुई 1789 की फ्रांसीसी क्रांति (French Revolution) से है.


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बादशाह-बेगम से बड़ा क्यों होता है इक्का?


ताश के पत्तों के इतिहासकार सैमुअल सिंगर के मुताबिक, प्लेइंग कार्ड्स में तत्कालीन फ्रांसीसी समाज की सामाजिक स्थिति दिखती है. ताश के पत्तों में चार तरह के कार्ड होते हैं. इसमें हुकुम, पान, ईंट और चिड़ी के पत्ते होते हैं. इसमें हुकुम रॉयल्टी का प्रतीक माना जाता है जिसका संबंध बादशाह-बेगम से होता है. इसके अलावा पान, पादरियों से संबंधित है. वहीं, ईंट को व्यापारियों से जोड़ा जाता है और चिड़ी का संबंध किसानों और मजदूरों से है.


किसानों-मजदूरों का प्रतीक है इक्का


गौरतलब है कि फ्रांसीसी क्रांति के बाद राजशाही चली गई और इसी वजह से इक्का टॉप कार्ड बन गया. यह इस बात को दिखाता है कि राजशाही को कैसे आम लोगों, किसानों और मजदूरों ने उखाड़कर फेंक दिया. ताश के पत्तों में इक्का आम लोगों और क्रांतिकारियों का प्रतीक होता है इसलिए यह बादशाह और बेगम से बड़ा होता है.


फ्रांसीसी क्रांति क्या है?


बता दें कि फ्रांस में राजनैतिक और सामाजिक संरचना में परिवर्तन की अवधि 1789 से 1799 तक चली. इसके बाद में नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांस के साम्राज्य का विस्तार किया. इस दौरान इस क्रान्ति को आगे बढ़ाया गया. क्रान्ति का नतीजा ये हुआ कि राजा को गद्दी से हटा दिया गया. फिर एक गणतंत्र स्थापित हुआ. हालांकि, खूनी संघर्षों का दौर चला और आखिर में नेपोलियन बोनापार्ट की तानाशाही स्थापित हुई. इसके बाद इस क्रांति की लहर पश्चिमी यूरोप और उसके बाहर भी चली. फ्रांसीसी क्रांति के बाद दुनियाभर में पूर्ण राजतंत्र कम हुए और नए गणतंत्र व उदार प्रजातंत्र स्थापित हुए.


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