PCS Officer Jyoti Maurya Case: बरेली में प्रांतीय सिविल सेवा अधिकारी ज्योति मौर्य इन दिनों भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण सुर्खियों में हैं. इस मामले में फिलहाल आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं. इस बीच 100 पन्नों की एक डायरी सामने आई है. ज्योति के पति ने यह डायरी मीडिया को सौंपी है. इस डायरी में ज्योति मौर्या हर महीने होने वाले कलेक्शन का सारा हिसाब-किताब रखती थी. जैसा कि डायरी में बताया गया है, ज्योति अनाधिकारिक रूप से हर महीने 6 लाख रुपये इकट्ठा कर रही थी. ज्योति के आरोपों में कितनी सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा. ज्योति के पति आलोक मौर्य ने इस मामले में होम गार्ड मुख्यालय में शिकायत दर्ज करायी है. उनकी शिकायत के बाद होम गार्ड डीजी वीके मौर्य ने मामले की जांच प्रयागराज के डिप्टी कमांडेंट जनरल संतोष कुमार को सौंपी है. उन्होंने अपने पति आलोक का जवाब नोट कर लिया है. अब बरेली शुगर फैक्ट्री में प्रबंध निदेशक पद पर महिला अफसरों की जांच होने जा रही है.


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हर पन्ने पर लिखा है कुछ ऐसा


प्रयागराज के पंचायत राज मंडल में तैनात आलोक कुमार मौर्य की डायरी के हर पन्ने के ऊपर और नीचे स्वास्तिक चिन्ह बना हुआ है. साथ ही इस पर शुभ-शुभ भी लिखा हुआ है. इसके बाद हर पन्ने पर किससे कितना पैसा मिला इसका जिक्र भी है. आलोक का दावा है कि यह लिखावट ज्योति की है.


डायरी में भ्रष्टाचार से मिले पैसों का हिसाब-किताब
 
ज्योति मौर्य की नियुक्ति 2019 से 2021 के बीच कौशांबी के चायल तहसील में हुई थी. इस दौरान डायरी में भ्रष्टाचार से मिले पैसों का हिसाब-किताब लिखा है. अक्टूबर 2021 की ही बात करें तो ज्योति ने सिर्फ एक महीने में अनऑफिशियली 6 लाख 4 हजार रुपये कमाए. इसमें यह भी उल्लेख है कि आपूर्ति निरीक्षक को 15,000 रुपये और विपणन निरीक्षक को 16,000 रुपये प्रति माह भुगतान किया जाता है. हर पन्ने पर महीने के हिसाब से भ्रष्टाचार से मिले पैसे का जिक्र है.


साल 2020 के बाद से शुरू हुआ बवाल 


आलोक ने बताया कि उसकी शादी 2010 में ज्योति से हुई थी. 2009 में आलोक का चयन पंचायत राज विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर हुआ. इसके बाद उन्होंने ज्योति को पढ़ाया. उसे प्रशिक्षित किया गया था. ज्योति का चयन 2015 में हुआ था. लोक सेवा आयोग में ज्योति को महिलाओं में तीसरा और कुल मिलाकर 16वां स्थान मिला. परिवार में सभी लोग बहुत खुश थे। 2015 में जुड़वां लड़कियों का जन्म हुआ. 2020 तक सब कुछ ठीक था.


"फेसबुक पर जिला कमांडेंट होम गार्ड से दोस्ती"


आलोक ने बताया कि 2020 में ज्योति का परिचय गाजियाबाद में तैनात डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट होम गार्ड से हुआ. दोनों बातें करने लगे. अधिकारी होने के नाते हमें इसमें कुछ भी गलत नहीं लगा. लेकिन 2022 में ज्योति अपने मोबाइल पर फेसबुक लॉग इन करना भूल गई थी. मैंने देखा कि दोनों के बीच अश्लील बातचीत हो रही थी. ये देख कर मुझे गुस्सा आ गया. जब मैंने विरोध किया तो वह मारपीट करने लगी और जेल भेजने की धमकी देने लगी. 22 दिसंबर 2022 को आलोक को लखनऊ के एक होटल में रंगे हाथ पकड़ा गया था. आलोक का कहना है कि जब उन दोनों ने हमला किया तो मैं जान बचाकर भागा.


"मौत की धमकी"


आलोक ने आरोप लगाया, “एक हफ्ते पहले मुझे फोन किया गया और कहा गया कि स्वेच्छा से तलाक ले लो नहीं तो मुझे मार दिया जाएगा. वह आए दिन मुझे 376 में फंसाने की धमकी देती है. पत्नी ने धूमनगंज थाने में दहेज का झूठा मुकदमा दर्ज कराया है. उन्होंने 376 लगाने की भी धमकी दी."


इसकी शिकायत होम गार्ड मुख्यालय से की गयी


इस मामले में आलोक ने होम गार्ड के मुख्यालय में शिकायत दर्ज करायी है. उन्होंने कहा है कि मेरी पत्नी ज्योति का गाजियाबाद के होम गार्ड कमांडेंट से अफेयर चल रहा है. दोनों उसे मारने की साजिश रच रहे हैं. इस संबंध में उन्होंने कुछ व्हाट्सएप चैट भी होम गार्ड के अधिकारियों को दी है.