इस्लामाबाद: पाकिस्तान में ईशनिंदा की आरोपी ईसाई महिला का अदालत में बचाव करने के लिए मौत की धमकियां मिलने के बाद नीदरलैंड चले गए वकील देश लौट आए हैं. मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई.


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एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की खबर के मुताबिक सैफुल मलूक सुप्रीम कोर्ट की 29 जनवरी को होने वाली सुनवाई से पहले शनिवार को देश लौटे हैं. सुप्रीम कोर्ट कल यह तय करेगा कि ईशनिंदा मामले में आसिया बीबी को बरी किए जाने के खिलाफ दायर अपील पर वह सुनवाई करेगा या नहीं.


मलूक “सुरक्षा कारणों” के चलते पिछले साल नीदरलैंड चले गए थे जब बीबी को बरी किए जाने के बाद हिंसा भड़क उठी थी. लौटने पर उन्होंने समाचारपत्र को बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट में बीबी का पक्ष रखेंगे. 


उन्होंने कहा, “मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं स्थायी रूप से पाकिस्तान में रहना चाहता हूं लेकिन सुरक्षा चिंताएं अब भी बरकरार हैं.” मलूक ने उन्हें मिली धमकियों के मद्दनेजर प्रधानमंत्री इमरान खान से उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने की भी अपील की है. 


फिलहाल संरक्षात्मक हिरासत में रखी गई 47 वर्षीय बीबी को पड़ोसियों के साथ विवाद में इस्लाम का अपमान करने के मामले में 2010 में दोषी ठहराया गया था और फांसी की सजा सुनाई गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में उन्हें बरी कर दिया था.