Taliban Vs Pakistan: तालिबान को PAK से खतरा? अफगानिस्तान की वो बात जो लोगों को हजम नहीं हो रही
Afghanistan Vs Pakistan: तालिबान और पाकिस्तान के बीच तनाव भरे संबंध सबसे मुश्किल दौर में हैं. अफगानिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार के दौर में पाकिस्तान, तालिबान को दोस्त बताते नहीं थकता था तो तालिबान भी उसकी मदद के शुक्रिया कहता रहता था. लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि तालिबान को पाकिस्तान से खतरा महसूस हो रहा है.
Afghan Taliban Reports Threat From Pakistan: अफगानिस्तान (Afghanistan) में राज कर रहे तालिबान ने पहली बार खुद को पाकिस्तान (PAK) से खतरा होने की बात की है. अब इस खबर पर पूरी दुनिया को इसलिए हैरानी हो रही है कि क्योंकि यही तालिबान 2001-2021 तक पाकिस्तान को अपने लिए दुनिया का सबसे सुरक्षित ठिकाना मानता था. एक फ्रीलांसर जर्नलिस्ट यानी स्वतंत्र पत्रकार बिलाल सरवरी ने अफगान सरकार के एक आंतरिक ज्ञापन का हवाला देते हुए यह जानकारी साझा की है.
आईएसकेपी के जमावड़े की चेतावनी
सरवरी ने कहा, 'तालिबान के एक लीक हुए आंतरिक ज्ञापन में पाकिस्तान के कबायली इलाके के अंदर एक ISKP (इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत) प्रशिक्षण शिविर की रिपोर्ट दी गई है. पाकिस्तान की ओर से लोगर प्रांत में आईएसकेपी के बड़े जमावड़े की चेतावनी दी गई है.' उन्होंने कहा कि यह कहानी में एक दिलचस्प मोड़ है, जिसमें पहली बार तालिबान ने पाकिस्तान से खतरा होने की सूचना दी है, जो कभी उनकी सुरक्षित पनाहगाह होती थी. आपको बताते चलें कि लोगर अफगानिस्तान के पूर्वी भाग में स्थित 34 प्रांतों में से एक अहम और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इलाका है.
ट्विटर पर साझा की जानकारी
सरवरी ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी अफगानिस्तान की सत्ता पर बैठे हुक्मरानों को सता रहे खतरे की जानकारी साझा की है.
इसी रिपोर्ट के हवाले से कहा जा रहा है कि अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान और पड़ोसी पाकिस्तान के रिश्ते अबतक के सबसे खराब दौर में हैं. एक तरफ तालिबान को पाकिस्तान से खतरा महसूस हो रहा है तो दूसरी तरफ आईएसकेपी समूह का समर्थन करने के लिए इस्लामाबाद को गंभीर नतीजों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं एक और रिपोर्ट के मुताबिक अब पाकिस्तान, अफगान तालिबान और पाकिस्तानी तालिबान के दो तरफा हमलों का सामना कर रहा है. पाकिस्तानी तालिबान को अफगानिस्तान के अपने वैचारिक भाई का समर्थन प्राप्त है. अगस्त है कि 2021 में जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था, तब तत्कालीन पीएम इमरान खान ने अफगान तालिबान की प्रशंसा करते हुए कहा था कि उसने 'गुलामी की बेड़ियों' को तोड़ दिया.
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